MP के स्कूलों में संविधान की प्रस्तावना का पाठ अनिवार्य
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मध्य प्रदेश

MP के स्कूलों में संविधान की प्रस्तावना का पाठ अनिवार्य

Rishabh Jat

राज एक्सप्रेस। मध्य प्रदेश की कमल नाथ सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। इसके मुताबिक राज्य के सभी शासकीय विद्यालयों में हर शनिवार को संविधान की उद्देशिका का वाचन किया जाएगा। संविधान की उद्देशिका का वाचन हर सप्ताह शनिवार को प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में शिक्षक द्वारा प्रार्थना के बाद तथा हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्राचार्य बाल सभा के दौरान बच्चों को संविधान की उद्देशिका का वाचन करेंगे। इसे पहले महाराष्ट्र सरकार भी ये फैसला ले चुकी है।

महाराष्ट्र में भी 26 जनवरी से सभी स्कूलों में प्रतिदिन सुबह की प्रार्थना के बाद संविधान की प्रस्तावना का पाठ अनिवार्य रूप से किया जाएगा। राज्य मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने यह जानकारी दी थी। राज्य सरकार के एक परिपत्र में कहा गया है था कि, प्रस्तावना का पाठ ‘‘संविधान की संप्रभुता, सबका कल्याण’’ अभियान का हिस्सा है।

प्रस्तावना संविधान के लिए एक परिचय के रूप में कार्य करती है। 1976 में 42वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा इसमें संशोधन किया गया था जिसमें तीन नए शब्द समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता को जोड़ा गया था। संविधान की प्रस्तावना का निर्माण भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य करने के लिए किया गया। यह भारत के सभी नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता को सुरक्षित करती है और लोगों के बीच भाई चारे को बढ़ावा देती है।

संविधान की प्रस्तावना

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