दिनभर खोजने के बाद टाइगर रिजर्व प्रबंधन को नहीं मिले शावक
दिनभर खोजने के बाद टाइगर रिजर्व प्रबंधन को नहीं मिले शावक Anil Tiwari
मध्य प्रदेश

दिनभर खोजने के बाद भी टाइगर रिजर्व प्रबंधन को नहीं मिले बाघिन के शावक

Author : Anil Tiwari

हाइलाइट्स :

  • बीते दिनों युवा बाघिन की हो गई थी मौत।

  • नर बाघ मौके पर मौजूद इसलिए कठिन हुई खोज।

पन्ना, मध्यप्रदेश। पन्ना टाइगर रिजर्व में लॉकडाउन के बीच 4 शावकों की मां युवा बाघिन पी-213(32) की मौत हो गई है। इस वयस्क बाघिन की मौत से प्रबंधन में हड़कम्प देखा गया। पन्ना में ही पैदा हुई और यही के जंगलों पली-बढ़ी युवा बाघिन पी-213(32) इसके चार शावक थे, जिसकी टाइगर रिजर्व के गहरी घाट रेंज की कोनी बीट में मौत पाई गई थी। मृत बाघिन के पास उसका कोई शावक नजर नहीं आया। इन को सुरक्षित बचाने के लिए टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने तलाशी अभियान शुरू किया है। लेकिन अब तक शावकों का कोई पता नहीं चला। जंगल में टाइगर रिजर्व की टीमें दिन-रात सर्चिंग कर रही है।

क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि जिस जगह टाइग्रेस मृत मिली थी, वहीं मेल टाइगर पी-243 मौके पर मौजूद है। इस कारण हमें खोजने में दिक्कत हो रही है। मैदानी अमला पैदल सर्चिंग नहीं कर पा रहा है। फील्ड डायरेक्टर ने बताया कि 5 हाथियों की 3 टीम बनाई गई है। तीन टीमों में हमारे मैदानी कर्मचारी और अधिकारी दिनभर सर्चिंग करते रहे, क्योंकि कोनी नाले की लंबाई अधिक है, छोटे-छोटे नाले भी आकर मिलते हैं। कई जगह बहुत सारी गुफाएं हैं। इस कारण शावकों को खोजने में परेशानी हो रही है। यदि यह शावक हमें मिल जाते हैं तो तत्काल रेस्क्यू करने का प्रयास करेंगे। फील्ड डायरेक्टर ने कहा जो बाघ मौके पर है, वह शावको का पिता है। क्योंकि इसमें दो नर और दो मादा शावक है। इसलिए इन बच्चों को बचाना भी बहुत जरूरी है। यदि नर बाघ इन बच्चों की मदद करेगा तो ज्यादा सुरक्षित रह पाएंगे। लेकिन जंगली जानवरों के व्यवहार पर कोई अंदाज नहीं लगाया जा सकता है। उत्तम कुमार शर्मा ने आगे कहा कि हमने लगातार ट्रेसिंग और ट्रैकिंग की योजना बनाई है। 10 कैमरे भी लगाए हैं, जहां भी इनकी फोटोग्राफ्स मिलेंगे। वहां खोजने का प्रयास करेंगे संभव है। मां की मौत के बाद यह शावक कहीं आस-पास गुफाओं में घुस गए हो हमें उम्मीद है कि यह शावक मिल जायेंगे और हम इन को सुरक्षित बचा पाएंगे।

रेस्क्यू करना हो रहा मुश्किल :

अभी तो टाइगर रिजर्व प्रबंधन को यह शावक मिले ही नहीं हैं। जब शावक मिल जाएंगे तो घनघोर जंगल, बहुत सारी छोटी-छोटी गुफाएं और नाले के बीच में इन शावकों का रेस्क्यू करना भी एक बड़ी चुनौती होगा। क्योंकि पैदल भी इस इलाके में भ्रमण नहीं कर सकते क्योंकि बाघिन की मौत के बाद पिता टाइगर खतरनाक व्यवहार भी कर सकता है। ऐसे में कठिन चुनौतियों के बीच टाइगर के बच्चों को खोजना भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।

बरगडी के बाड़े में रखकर शावकों की जाए परवरिश :

पन्ना टाइगर रिजर्व की बरगडी में एक विशाल इंक्लोजर बना हुआ है, यहां शावकों को रखा जा सकता है। क्योंकि जब सभी बाघ खत्म हो गए थे तब इन्हें यह एंक्लोजर शावकों और टाइगरों के रखने के लिए बनाया गया था। पन्ना में जो टी-4 और टी-5 बाघिन कान्हा से लाकर छोड़ी गई थी वह ऐसे ही अनाथ हुई थी और मानवीय हस्तक्षेप में पली-बढ़ी इन बाघों को जंगली बनाया गया था यदि इन शावकों को यही पालकर जंगली बना कर पुन: जंगल में छोड़ा जाता है तो टाइगर रिजर्व के इतिहास में बड़ी सफलता मानी जाएगी जिसका प्रयास किया जाना चाहिए वाइल्ड लाइफ के जानकार और प्रकृति प्रेमियों ने सभी शावकों को पन्ना में ही पालने की व्यवस्था करने की मांग की है।

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