परिवहन मंत्री लेंगे 16 को बैठक, पूछेगें राजस्व का आंकड़ा
परिवहन मंत्री लेंगे 16 को बैठक, पूछेगें राजस्व का आंकड़ा Social Media
मध्य प्रदेश

ग्वालियर : परिवहन मंत्री लेंगे 16 को बैठक, पूछेगें राजस्व का आंकड़ा

Author : राज एक्सप्रेस

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। परिवहन मंत्री गोविन्द राजपूत विभाग के प्रभारियों की 16 मार्च को भोपाल में बैठक लेंगे। इस बैठक में राजस्व का आंकड़ा कहा तक पहुंचा और अगर पीछे है तो क्या कारण है, इसको लेकर भी सवाल-जवाब हो सकते हैं। बैठक की जानकारी लगने के बाद प्रभारियों ने अपने दस्तावेज तैयार करना शुरू कर दिए हैं, क्योंकि उनको इस बात का डर सता रहा है कि अगर मंत्री के सवाल का जवाब नहीं दिया तो वह बैठक में ही कार्यवाही कर सकते हैं।

कोरोना काल के कारण लगे लॉकडाउन में विभाग के राजस्व को खासा नुकसान पहुंचा है, लेकिन इसके बाद भी विभाग ने टारगेट तक पहुंचने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। यही कारण है कि राजस्व का जो लक्ष्य विभाग को मिला है उसके करीब पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। हर जिले में राजस्व का टारगेट निर्धारित किया गया था। अब ग्वालियर में तो व्यापार मेले में वाहनों के रोड टैक्स में 50 प्रतिशत की छूट होने के बाद राजस्व खासा मिल रहा है। इसके कारण आरटीओ ग्वालियर तो अपने राजस्व लक्ष्य के करीब पहुंच चुका है। परिवहन मंत्री गोविन्द राजपूत पहले ही कह चुके है कि राजस्व का लक्ष्य हर कीमत पर पूरा होना चाहिए। यही कारण है कि जिन जिलों का आंकड़ा राजस्व में पिछड़ा हुआ है, उनसे बैठक में सवाल-जवाब हो सकते हैं। बैठक में जिलों के आरटीओ एवं डीटीओ के साथ ही चेकपोस्ट प्रभारी भी बुलाए गए हैं। बैठक की जानकारी मिलते ही प्रभारियों ने आंकड़े एकत्र करना शुरू कर दिए हैं साथ ही जो राजस्व के मामले में पिछड़े हुए हैं उन्होंने बहाने खोजना शुरू कर दिए हैं।

चैकिंग को लेकर हो सकते हैं सवाल-जवाब :

परिवहन मंत्री गोविन्द राजपूत चैकिंग को लेकर भी सवाल कर सकते हैं, क्योंकि सीधी बस हादसे के बाद जिस तरह से उन्होंने निर्देश दिए थे उसके बाद विभाग का अमला सड़कों पर निकला था और कई बसें ओवरलोड जब्त भी की थी। अब सवाल यह है कि जब उडनदस्ते गठित हैं तो फिर उनसे सवाल-जवाब क्यों नहीं किए जाते, क्योंकि फ्लाईंग स्क्वॉड की ही जिम्मेदारी बनती है कि वह नियमित रूप से वाहनों की चैंकिग करें, लेकिन ऐसा नहीं होता। अगर नियमित चैकिंग करते है तो परिवहन अमले को बिना परमिट बसों के साथ ही क्षमता से अधिक सवारी बैठाए बसें नहीं मिलती।

नई तबादला नीति पर कैसे अमल हो इस पर भी होगी चर्चा :

परिवहन विभाग ने अपने प्रवर्तन अमले के लिए नई रोटेशन (तबादला) नीति बनाई है। इस नीति के अनुसार चेकपोस्ट प्रभारी अपने गृह जिले में पदस्थ नहीं रह सकता है। 16 मार्च को होने वाली बैठक में परिवहन मंत्री विभाग के मुखिया से यह पूछ सकते है कि गृह जिलों में कौन-कौन पदस्थ है। सूत्र का कहना है कि नई तबादला नीति के चलते माह के आखिर तक करीब 5 आरटीआई बदले जा सकते हैं, क्योंकि उक्त आरटीआई अपने गृह जिलों में पदस्थ है। ऐसे 5 स्थान जो खाली होने वाले हैं उन स्थान पर पहुंचने के लिए कुछ आरटीआई सक्रिय हो गए हैं।

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