मिड-डे- मील के हमाम में डूबे बड़े-बड़े: खुराक को तरस रहे  नौनिहाल
मिड-डे- मील के हमाम में डूबे बड़े-बड़े: खुराक को तरस रहे नौनिहाल Shubham Tiwari
मध्य प्रदेश

मिड-डे- मील के हमाम में डूबे बड़े-बड़े: खुराक को तरस रहे नौनिहाल

Author : Shubham Tiwari

राज एक्सप्रेस। उमरिया जिले की आंगनवाडी केंद्रों में परोसे जाने वाले मिड-डे मील में बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है, महिला बाल विकास विभाग के द्वारा भुगतान पर रोक लगाने के बाद परत-दर-परत इनके राज खुलते जा रहे हैं। वहीं वर्ष 2018 में 89 लाख के खाद्यान्न वितरण में गड़बड़ी और मौजूदा वित्तीय वर्ष में बगैर खाद्यान्न बांटे 28 लाख रुपये भुगतान सम्बन्धी देयक प्रस्तुत करने के बाद भी अभी यह मामला ठंडे बस्ते में ही पड़ा है, इससे साफ जाहिर होता है कि बच्चों की खुराक के इस लाखों के घोटाले में फर्श से अर्श तक सब डूबे हुए हैं।

शुरूआत से ही हुई गड़बड़ी

आदिवासी बाहुल्य उमरिया जिले मे आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को सांझा चूल्हा के तहत परोसे जाने वाले मध्यान्ह भोजन मे बड़ा घोटाला सामने आया है। गड़बड़ी साल 2018 से शुरू हुई थी जो कि रूक-रुक आज भी जारी है महिला बाल विकास विभाग का दावा है कि बगैर खाद्यान्न वितरण के ही आपूर्ति निगम के अफसर ने भुगतान के देयक प्रस्तुत किये थे, जिन्हें रोक दिया गया है, खास बात तो यह है कि, आपूर्ति निगम के अफसर सत्यापन कराने से कतराते हैं जो कि बड़े घोटाले की तरफ इशारा है।

कटघरे में समूह व योजना

मध्यान्ह भोजन के लिए आवंटित खाद्यान्न द्वारा प्रदाय योजना के तहत राशन दुकानों तक पंहुचाया जाता है जहां से स्व-सहायता समूह उठाव कर अपने हिस्से का राशन स्कूल ले जाते हैं, लेकिन ऐसा नही हुआ महिला बाल विकास अधिकारी की मानें तो मिड-डे मील बनाने वालों को राशन दुकानों से खाद्यान्न ही नहीं मिला लिहाजा मिड-डे मील बनाने वाले समूहों ने आंगनवाड़ियों के बच्चों को भोजन नहीं दिया, आपूर्ति निगम के अफसरों ने पोल खुलते देख सच को छिपाकर अभी भी किसी तरह भुगतान की जुगत में लगे तो हैं ही साथ ही खुद को पाक-साफ साबित करने में कोई कसर नही छोड़ रहे।

लील गये 1 करोड़ की खुराक

आंगनवाड़ी के नौनिहालों को परोसे जाने वाली खुराक में हुए भ्रष्टाचार में नीचे से ऊपर तक के अधिकारी जुड़े नजर आ रहे हैं, यही वजह है कि बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण से मामला जुड़ा होने के बाद भी अभी तक इसकी जांच के लिए कोई टीम गठित नही की गई है, जबकि इस मामले में बड़ा घोटाला होने के सबूत सामने आने के बाद इसकी जांच हाई पॉवर कमेटी से कराई जानी चाहिए।

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