''प्लीज मुझे बल्हौड़ से मानपुर कर दिया जाए" रहूंगी आभारी
''प्लीज मुझे बल्हौड़ से मानपुर कर दिया जाए" रहूंगी आभारी Raj Express
मध्य प्रदेश

Umaria : ''प्लीज मुझे बल्हौड़ से मानपुर कर दिया जाए" रहूंगी आभारी

राज एक्सप्रेस

उमरिया, मध्यप्रदेश। जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर अंतर्गत ग्राम बल्हौड़ में पदस्थ एएनएम आरती पटेल अपनी शारीरिक बीमारी के कारण काफी परेशान थी, इसलिए वह अपनी पदस्थापना मानपुर स्वास्थ्य केंद्र कराना चाहती थी। इसके लिए वह बीएमओ मानपुर, सीएमएचओ और कलेक्टर तक से निवेदन कर चुकी थी, लेकिन उसकी परेशानी को सभी ने अनसुना कर दिया। इसके अलावा इसके कुछ दिनों पूर्व मानपुर स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ सीएचसी प्रभारी डॉ. अभिषेक मिश्रा और कई वर्षों से मानपुर में जमे उसके पिता नेत्र सहायक ज्ञानेंद्र मिश्रा के द्वारा एएनएम आरती पटेल को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था। इतना ही नहीं इनके द्वारा आरती पटेल को गाली-गलौज करना और धमकाने और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने जैसा कृत्य भी इनके द्वारा किया जा रहा था। जिसको लेकर कई बार आरती पटेल ने जिले के सीएमएचओ और कलेक्टर से शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होने से जहां चिकित्सकों के हौसले बुलंद थे, वहीं आरती के हौसलों ने उसका साथ छोड़ दिया, जिसके बाद उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

7 दिन का अल्टीमेटम :

मानसिक रूप से प्रताड़ित एएनएम आरती पटेल ने बीते 18 अगस्त को अपनी ससुराल मानपुर के वार्ड नंबर 1 भर्री टोला में फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इसके बाद जिला प्रशासन ने सुध ली कि डॉ. ज्ञानेन्द्र मिश्रा वर्षाे से मानपुर में जमे हैं, उन्हें मानपुर से उठाकर पाली पदस्थ कर दिया गया, कार्यवाही के नाम पर उन्हें 7 दिन का अल्टीमेटम भी दिया गया है, लेकिन मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के चलते आत्महत्या करने वाली आरती को मौत के बाद भी न्याय नहीं मिलता देख ओबीसी महासभा के द्वारा पहले तहसील मुख्यालय मानपुर और फिर जिला मुख्यालय उमरिया में रैली निकालकर और नारे लगाकर विरोध जताया, फिर थाना तहसील से लेकर कलेक्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन के दौरान ओबीसी पदाधिकारियों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर में पदस्थ डॉ अभिषेक मिश्रा और कई वर्षों से मानपुर में जमे उसके पिता नेत्र सहायक ज्ञानेंद्र प्रसाद मिश्रा की कारगुजारियां, उनके नीचे काम करने वाले स्टाफ से की जा रही हरकतो को लेकर उन दोनों पर कानूनी कार्यवाही करने की मांग की, लेकिन संभवत: प्रशासन इस मामले में कार्यवाही करने को तैयार नजर नहीं आ रहा है।

नहीं मिला पूरा न्याय :

चर्चा है कि आरती पटेल ने जब खुदकुशी की थी, तब तक दोनों डॉक्टर मानपुर में ही थे, जैसे ही उन्हें पता चला कि आरती ने आत्महत्या कर ली, उसके बाद यह नजर नहीं आ रहे हैं, ऐसा कहा जा रहा है कि जिला प्रशासन को पूर्व में भी मृतिका आरती ने अवगत कराया था कि उसे प्रताड़ित किया जा रहा है, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा इस मामले में संज्ञान नहीं लिया गया और आरती ने खुदकुशी कर ली, हालांकि प्रशासन ने आरती की मौत के बाद फुर्ती दिखाते हुए डॉ. ज्ञानेन्द्र मिश्रा का तबादला कर दिया, लेकिन स्थानीय लोगों सहित आरती के परिजनों को लग रहा है कि अभी तक आरती को पूरा न्याय नहीं मिला है।

यह लिखा था पत्र में :

3 अगस्त को दिये गये पत्र में आरती ने उल्लेख किया था कि डॉ. अभिषेक मिश्रा और उसके पिता के द्वारा जाति भेदभाव किया जा रहा है, जैसे कि मेरी तबीयत खराब होने के वजह से मेरी ड्यूटी सामुदायिक स्वास्थ्य मानपुर में चल रही थी, मेरी तबियत के चलते डॉ. सोनिया मैडम के द्वारा श्रीमती अर्चना तिवारी की ड्यूटी उपस्वास्थ्य केन्द्र बल्हौड़ मे लगा दी गई थी और डॉ. सोनिया मैडम के मृत्यु के बाद तुरंत मेरी ड्यूटी बल्हौड़ और श्रीमती अर्चना तिवारी और शशिकला द्विवेदी की ड्यूटी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मानपुर में लगा दिये। पत्र में टीप लिखकर मृतिका ने जिला प्रशासन सहित विभाग के मुखिया को बताया था कि जी.पी. मिश्रा को मानपुर से हटाया जाये, इसके अलावा उल्लेख किया था कि प्लीज मेरी आपसे विशेष प्रार्थना है और मेरे को उपस्वास्थ्य केन्द्र बल्हौड़ से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मानपुर कर दिया जाये, मैं आपकी सदा आभारी रहूंगी।

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