खनिज संसाधन मंत्री प्रदीप जायसवाल
खनिज संसाधन मंत्री प्रदीप जायसवाल  Shubham Tiwari
मध्य प्रदेश

उमरिया : नई खनिज और रेत नीति से प्रदेश को मिलेगा राजस्व

Shubham Tiwari

राज एक्सप्रेस। मध्प्रदेश के उमरिया जिले में प्रदेश सरकार के खनिज संसाधन मंत्री प्रदीप जायसवाल शनिवार को सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे, जहां पर उन्होंने खनिज के दोहन के लिए भाजपा के बड़े नेताओं सहित पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रिश्तेदारों पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि आज प्रदेश की जो हालत है, वह इन्हीं की देन है, खनिज विभाग को प्राइवेट सेक्टर समझकर उपयोग किया, जिससे खनिज संपदाओं का जमकर दोहन हुआ, प्रदेश सरकार ने जो नई नीति बनाई है, उससे राजस्व बढ़ने के साथ ही खनिज के अवैध कारोबार पर अंकुश लगेगा।

निशाने पर बड़े नेता :

कैबिनेट मंत्री प्रदीप जायसवाल ने अवैध उत्खनन और परिवहन को लेकर भाजपा के बड़े नेताओं सहित पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रिश्तेदारों और परिवार पर बीते 15 सालों में सीधे तौर पर लिप्त होने का आरोप लगाया है और उन्होंने इनकी इस पूरे कारोबार में संलिप्तता भी जाहिर की, उन्होंने कहा कि रेत का पैसा न तो शासन के पास पहुंचा, न ही पंचायतों को इसका लाभ मिला, पूरा पैसा रिश्तेदार डकार गये।

15 सालों में नीतियों का पता नहीं :

मीडिया से चर्चा के दौरान खनिज मंत्री ने आरोप लगाया कि पूरे प्रदेश भर में खनिज का जमकर दोहन किया गया, भाजपा की सरकार के पास अन्य खनिज सहित रेत के लिए न तो कोई नीति थी और न ही उन्होंने इसे रोकने के लिए कोई कारगर कदम उठाये, इतना ही नहीं इनके शासन काल में खिड़की दरवाजे सब गायब थे, कोई कहीं से भी आये और कहीं चला जाये।

अटूट खनिज संपदा का भंडार :

खनिज मंत्री का दावा है कि प्रदेश में गौण खनिज सहित अन्य खनिजों का भण्डार है। प्रदेश सरकार ने जो नई नीति बनाई है, वह अनुभव के आधार पर बनाई गई है,जिससे सरकार को राजस्व मिलने के साथ ही अवैध उत्खनन और परिवहन के रास्ते बंद कर दिये जायेंगे, 26 नवम्बर तक ई-टेण्डरिंग चलेगी और 12 दिसम्बर को प्रदेश के सभी जिलों की रेत खदानों के ठेके खुल जायेंगे। हीरे, बॉक्साईड सहित अन्य खनिजों की टेण्डरिंग की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है, जिससे प्रदेश सरकार को 60 हजार करोड़ का राजस्व मिलने की संभावना है।

70 की जगह मिलेंगे 900 करोड़:

श्री जायसवाल ने बताया कि नई रेत नीति के तहत 1450 के आस-पास खदान नीलाम की जा रही हैं, जिनमें 450 ऐसी खदानें थी, जो कि लावारिस हालत में पड़ी हुई थी,जहां से अवैध उत्खनन होता था। भाजपा शासन काल में रेत से 70 करोड़ रूपये ही मिलते थे, नई नीति के तहत अपनाई गई प्रक्रिया से 800 से 900 करोड़ रूपये राजस्व सरकार को मिलने की संभावना है। प्रदेश के क्षेत्राधिकार वाले खनिजों के लिए नीति बनाई जा रही है, इसके साथ ही खनिज आधारित उद्योग प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा लगे, इसके लिए भी हर संभव प्रयास किया जा रहा है। ग्रेनाइट सहित गिट्टी के लिए भी नीति बनाई जा रही है।

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