आफत की बारिश बनकर गिरा पानी, ईट भट्टा संचालकों को आर्थिक नुकसानी
आफत की बारिश बनकर गिरा पानी, ईट भट्टा संचालकों को आर्थिक नुकसानी सांकेतिक चित्र
मध्य प्रदेश

नागदा जं.: आफत की बारिश बनकर गिरा पानी, ईट भट्टा संचालकों को आर्थिक नुकसानी

Author : राज एक्सप्रेस

नागदा जं., मध्य प्रदेश। ईट भट्टा संचालकों को पहले कोरोना महामारी के कारण तो अब प्राकृतिक आपदा के कारण नुकसानी का सामना करना पड़ा है। शहर सहित आसपास के क्षेत्रों में झमाझम बारिश के कारण ईट भट्टों पर काम करने वाले लगभग 6 हजार मजदूर बेरोजगार हो गए। बारिश के कारण लगभग 500 से अधिक श्रमिक कार्यस्थल छोड़कर चले गए।

शहर सहित आसपास के क्षेत्रों में झमाझम बारिश के कारण ईट भट्टा संचालकों को आर्थिक नुकसानी का सामना करना पड़ा, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों या जनप्रतिनिधि उनका दर्द बांटने के लिए नहीं पहुंचा। स्थानीय उद्योगों के बाद से अधिक श्रमिक ईट भट्टों पर काम करते हैं। शासकीय रिकार्ड में 24 घंटे में 48 एमएम बारिश होना दर्ज की गई है। जबकि जून से अभी तक 1059 एमएम बारिश होना बताया जा रहा है। जिसके कारण जूना नागदा, भीमपुरा, किलोडिय़ा, परमारखेड़ी, भगतपुरी, बंगलादेश सहित आसपास के क्षेत्रों में लगभग 350 से अधिक भट्टों पर काम करने वाले लगभग 6000 से अधिक श्रमिक बेरोजगार हो गए। सोमवार की सुबह ईट भट्टा पर सन्नाटा पसरा हुआ दिखाई दिया, श्रमिक नदारत थे और पानी में गिलती हुई ईट दिखाई दे रही थी। भट्टा संचालक बाबुलाल प्रजापत के अनुसार लगभग एक लाख ईट पानी में गलकर नष्ट हो गई, जबकि भेरुलाल प्रजापत ने बताया कि 50 हजार ईट पानी में गलकर मिट्टी बन चुकी हैं, अब दोबारा ईट बनाने की प्रक्रिया शुरु करना होगी। महेश प्रजापत का कहना है ईट भट्टों का सीजन शुरू होने के लिए पहले शहर के बाहर से लगभग 500 से अधिक श्रमिक भट्टा संचालक लेकर आते है जिनको एडवांस में पारिश्रमिक का भुगतान करना होता है रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात हुई बारिश से श्रमिक अपने घर लौटकर चले गए, जिससे भट्टा संचालकों को आर्थिक नुकसानी का सामना करना पड़ा। राजू प्रजापत ने बताया कि पहले कोरोना महामारी की मार झेलना पड़ी अब प्राकृतिक आपदा के कारण ईट भट्टा संचालकों को नुकसानी का सामना करना पड़ रहा है।

जुर्माने से भी नहीं मिली राहत :

ईट भट्टा सेवा संघ के अध्यक्ष अनिल प्रजापत एवं रमेश प्रजापत ने संयुक्त रुप से बताया कि प्रशासन ने शहर सहित आसपास के लगभग 400 ईट भट्टा संचालकों पर 3 करोड़ 56 लाख रुपए का जुर्माना लगया था, अभी मामला निपटा ही नहीं था कि बारिश के कारण संचालकों को भारी आर्थिक नुकसानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रजापत के अनुसार 200 ईट भट्टा संचालकों ने जुर्माने की राशि अदा कर थी और शेष राशि का मामला अभी भी विचाराधीन है।

भट्टा संचालक को एक लाख तक का नुकसान :

ईट भट्टा संघ के शिवनारायण प्रजापत एवं मोतीलाल प्रजापत के अनुसार रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात हुई बारिश से प्रत्येक ईट भट्टा संचालक को 50 हजार से 01 लाख रुपए तक का नुकसान हुआ है। हालांकि कुछ बड़े भट्टा संचालकों ने प्लास्टिक डालकर ईट को बचाने का प्रयास किया, लेकिन उसमें भी सफलता मिलती नहीं दिखाई दे रही है। सोमवार की शाम को प्रशासन का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मौका मुआयना करने के लिए मौके पर नहीं पहुंचा था, जिसके भट्टा संचालकों को मायुसी का सामना करना पड़ रहा है।

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