मोटा कमीशन लेने के बाद निर्माण कार्य शुरू होने देते थे वर्मा
मोटा कमीशन लेने के बाद निर्माण कार्य शुरू होने देते थे वर्मा Social Media
मध्य प्रदेश

ग्वालियर : मोटा कमीशन लेने के बाद निर्माण कार्य शुरू होने देते थे वर्मा

Author : राज एक्सप्रेस

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। शहर में बनने वाले मकानों की परमिशन में मोटा माल वसूलने के बाद भवन निर्माण में भी सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा लाखों के वारे न्यारे करते थे। शहर में हो रहे निर्माण कार्य के दौरान नक्शे से अतिरिक्त अगर कोई निर्माण कार्य होता दिखे तो भवन अधिकारी उसे नोटिस जारी कर कार्य नहीं रुकवा सकते हैं। नोटिस जारी करने के लिए भवन अधिकारियों को सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा एवं निगमायुक्त की अनुमति लेनी होती थी। नोटिस जारी होने के बाद भवन मालिक से सेटिंग की जाती थी, जिसमें मोटा कमीशन लेने के बाद निर्माण कार्य फिर से प्रांरभ हो जाते थे।

शहर में होने वाले अवैध एवं बगैर अनुमति निर्माणों को रोकने का जिम्मा भवन अधिकारियों और भवन निरीक्षकों का है। अवैध निर्माण एवं बगैर अनुमति निर्माण होता देख इसे रोकने के लिए भवन अधिकारी एवं निरीक्षक भवन स्वामी को नोटिस जारी कर उस पर कार्रवाई करते थे, लेकिन प्रदीप वर्मा के सिटी प्लानर बनने के बाद निगमायुक्त ने नया नियम बना दिया था। इसके अनुसार अवैध निर्माण होता देख अथवा बगैर अनुमति मकान निर्माण को देखने के बाद इसकी सूचना भवन अधिकारियों को सिटी प्लानर को देना पड़ती थी। इस सूचना के बाद सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा एवं निगमायुक्त की अनुमति के बाद भवन अधिकारी को नोटिस जारी करता था। नोटिस जारी होने के बाद सेटिंग का खेल होता था। सेटिंग भी अधिकांश मामलों में सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा स्वयं ही किया करते थे। सेटिंग हो जाने के बाद अवैध निर्माण फिर से शुरू हो जाता था।

इस तरह बरती गई अनियमितता :

चेतकपुरी के पास एक बिल्डिंग का निर्माण नक्शे के विपरीत हो रहा था जिसमें एमओएस और एफएआर आदि नहीं छोड़ा गया था। इस मामले में सिटी प्लानर के आदेश पर नोटिस जारी किया, लेकिन सेटिंग होने के बाद निर्माण कार्य फिर से प्रारंभ हो गया वर्तमान में वहां पर चार मंजिला इमारत बन चुकी है।

शिंदे की छावनी पर नवीन मार्केट बन रही है, इस मार्केट को नोटिस जारी किया गया था, लेकिन सेटिंग के बाद फिर से निर्माण कार्य चालू हो गया साथ ही सभी नियमों को भी ताक पर रखा गया है।

नौगजा रोड पर व्यावसायिक इमारत का निर्माण का निर्माण हो रहा है। इसमें एमओएस और एफएआर नहीं छोड़ा गया है। इसे लेकर सिटी प्लानर के आदेश पर नोटिस जारी किए गए थे। लेकिन सेटिंग होने के बाद फिर से कार्य प्रांरभ हो गया है।

पड़ाव स्थित एक बहुमंजिला इमारत का निर्माण कार्य हुआ था, यह इमारत नियमों के विपरीत बनी है। इसमें भी एमओएस एवं एफएआर नहीं छोड़ा गया है। इस इमारत को नोटिस जारी किया गया। लेकिन सेटिंग नहीं हुई जिसके बाद इमारत को मदाखलत की मदद से तोड़ा गया। इसके बाद जब सेटिंग हो गई तब इमारत का फिर से पूरा निर्माण हो गया साथ ही जो हिस्सा मदाखलत ने तोड़ा था उस हिस्से को भी ज्यादा बढ़ाकर बना लिया गया है।

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