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मध्य प्रदेश

महिला को 10 साल की सजा,16 साल के किशोर से बनाए थे जबरजस्ती संबंध

Satish Dixit

इंदौर, मध्यप्रदेश । जिला अदालत ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए  पास्को अधिनियम एक्ट की धाराओं के तहत एक महिला आरोपी को 10 साल की सजा सुनाई है । साथ ही अदालत ने उस पर कुल तीन हजार ₹ का अर्थदंड भी लगाया है। महिला पर आरोप है कि उसने 16 साल के किशोर को बहला-फुसलाकर उसके साथ जबरदस्ती संबंध बनाए थे।

विशेष लोक अभियोजक सुशीला राठौड़ ने बताया कि विशेष न्यायाधीश सुरेखा मिश्रा ने महिला आरोपी को पास्को अधिनियम में दोषी पाते हुए 10 साल की सजा एवं अपहरण की धारा में 5 साल की सजा से दंडित किया है। महिला पर आरोप है कि बाढ़ गंगा क्षेत्र में रहने वाले एक 16 वर्षीय नाबालिग युवक को अपने चंगुल में फंसा के उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए। 

पीडित बालक के साथ हुए अपराध के फलस्वरूप उसे जो मानसिक व शारीरिक क्षति हुई है उसे दृष्टिगत रखते हुए पीड़ित बालक को मध्य प्रदेश अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना के अंतर्गत प्रतिकर दिलाया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है। इस प्रकार उसके भरण-पोषण का दायित्व राज्य शासन का है। पीड़ित को प्रतिकर के लिए दोबारा उस कष्ट से न गुजरना पड़े, इसलिए स्वयं न्यायालय द्वारा 50,000/- (पचास हजार रूपये) प्रतिकर राशि दिलाये जाने की अनुशंसा की। प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस एक्ट के तहत किसी महिला को सजा होने का पहला मामला बताया जा रहा है। प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस एक्ट के तहत किसी महिला को सजा होने का पहला मामला बताया जा रहा है।

पॉक्सो एक्ट के तहत सजा

कोर्ट ने आरोपी महिला को पॉक्सो एक्ट (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस एक्ट) तहत सजा सुनाई गई हैं। पॉक्सो एक्ट को प्रदेश मे साल 2012 मे लागू किया गया था।

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