पैरालिसिस होने के बावजूद पिता नहीं बने बोझ
पैरालिसिस होने के बावजूद पिता नहीं बने बोझ Sonu Vishwkarma
मध्य प्रदेश

छतरपुर:जिले में विश्व आत्महत्या निषेध दिवस कार्यक्रम सम्पन्न

Author : Sonu Vishwkarma

राज एक्सप्रेस। भारत संचार निगम लिमिटेड के जिला प्रबंधक कार्यालय में विश्व आत्महत्या निषेध दिवस के अंतर्गत 'अल्पविराम कार्यक्रम' सम्पन्न कराया गया, जिसमें अवसाद से उबरने तथा सकारात्मकता बढ़ाने पर लोगों ने अपने अनुभव साझा किए। मास्टर ट्रेनर अध्यात्म लखनलाल असाटी ने कहा कि, प्रसिद्ध वैज्ञानिक एडीसन की अनुसंधान प्रयोगशाला आग से जलकर खाक हो गई थी पर 67 वर्ष की अवस्था में उन्होंने इससे निराश होने की जगह कहा था कि, 'आग के साथ मेरी सारी गलतियां भी जल गई हैं और कल से मैं नई शुरूआत करूंगा।'

टीडीएम कामेश्वर सिंह का कहना:

टीडीएम कामेश्वर सिंह ने कहा कि, बीएसएनएल के कर्मचारियों के लिए अल्पविराम अत्यंत आवश्यक है, जिससे उनके जीवन का उत्साह बढ़े और वे सकारात्मक सोच के साथ काम करें। जेटीओ मार्केटिंग सचिन खेरा ने कहा कि, जीवन में उन्हें सर्वाधिक प्रेरणा अपने पिता से प्राप्त हुई है। आर्थिक तंगी के बावजूद उन्होंने पूरे परिवार को एकजुट रखा और सभी पर ध्यान दिया।

पैरालिसिस होने के बावजूद नहीं बनने दिया बोझ:

पैरालिसिस होने के बावजूद उन्होंने अपने आपको किसी पर बोझ बनने नहीं दिया। बच्चों को स्वावलंबी बनाया और आज वह इस बहुत बड़ी बीमारी से उबरकर अपना व्यापार संभाल रहे हैं। टीकमगढ़ के जेटीओ ने कहा कि, जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के उनके साथी सुनील कौरव जो इन दिनों आईआईटी दिल्ली में हैं। उन्हें लगातार ऊर्जा प्रदान करते रहते हैं। जब भी उन्हें अपने जीवन और कार्य के प्रति निराशा पनपती है, तो कौरव उन्हें प्रोत्साहित करते हैं और जीवन में नई ऊर्जा का संचार करते हैं।

एसआर वर्मा का कहना:

एसआर वर्मा ने कहा कि, उनके भी प्रेरणास्त्रोत उनके पिता हैं। अल्पविराम कार्यक्रम में सम्मिलित होकर शांत समय लिया और शांत समय के दौरान खुद से मुलाकात करने की कोशिश की। उनके शांत समय का विषय था कि, उन्हें जीवन में सर्वाधिक प्रेरणा किससे प्राप्त हुई है।

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