Sai Baba Birth Place
Sai Baba Birth Place Priyanka Sahu -RE
महाराष्ट्र

साईं बाबा जन्मस्थान पर बवाल, क्‍या अब दर्शन नहीं कर पाएंगे भक्‍त?

Author : Priyanka Sahu

राज एक्‍सप्रेस। हिंदू-मस्लिम सद्भाव का प्रतीक माना जाने वाला धार्मिक स्‍थल 'शिरडी साईं मंदिर' की खबरे सामने आई है और वैसे आपने साई बाबा के चमत्‍कारों की कई तरह की बाते सुनी होगी, जो अधिकतर चर्चा में रहती है और कई बार उनकी जाति को लेकर भी कुछ कहा-सुना जाता है, परंतु इस बार एक नया विवाद खड़ा हो गया, इसी के चलते रविवार से शिरडी निवासीओं द्वारा सभी होटल, आश्रमों, कई दुकानों समेत सब कुछ बंद किए जाने का ऐलान किया गया है, क्‍योंकि यहां 'साईंबाबा के जन्मस्थान' (Sai Baba Birth Place) को लेकर बवाल हो रहा है, आइये जाने किसका क्या दावा है...

साईं जन्मभूमि पर ठाकरे के बयान से मचा बवाल :

दरअसल, महाराष्‍ट्र के नए मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा कुछ दिनों पहले औरंगाबाद में दिए गए बयान को लेकर बवाब मचा हुआ है, यहां उन्‍होंने साईंबाबा के कथित जन्मस्थान पाथरी शहर के लिए 100 करोड़ की विकास निधि देने का ऐलान किया था, जिससे शिरडी के लोग नाराज है।

इस निर्णय के बाद शिरडी बंद का ऐलान :

नए मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस निर्णय के खिलाफ विरोध कर रहे शिरडी वासियों ने बंद का ऐलान किया और उनका कहना है कि, पाथरी को लेकर अगर सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेगी तो वो कोर्ट जाएंगे।

इस दौरान साईं मंदिर के पूर्व ट्रस्टी अशोक खांबेकर का यह कहना भी है कि, ''साईंबाबा ने कभी भी अपने जन्म, धर्म पंथ के बारे में किसी को नहीं बताय और न ही साईं चरित्र में इसके बारे में कुछ लिखा हुआ है। बाबा सर्वधर्म समभाव के प्रतीक थे। CM उद्धव ठाकरे गलत जानकरी दी गई है, वह पहले साई सत चरित्र का अध्ययन करें और उसके बाद कोई फैसला लें।''

क्‍या अब मंदिर में नहीं जा पाएंगे भक्‍त?

दरअसल, जो भी भक्‍त 'शिरडी साईं मंदिर' जा रहे है, उनके लिए मंदिर तो खुला है, परंतु वह सिर्फ साई बाबा के दर्शन ही कर सकेंगे, इसके अलावा हर दिन होने वाले भंडारे की सुविधा यानी खाने-पीने की व्‍यवस्‍था, पूजा-पाठ से जुड़ा सामान नहीं खरीद पाएंगे और ना ही रहने की व्‍यवस्‍था मिलेगी।

नई सरकार के आने के बाद ही क्यों उठा यह मुद्दा :

बीजेपी सांसद सुजय विखे पाटिल ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए यह सवाल पूछा कि, पाथरी को साईंबाबा का जन्मस्थान बताने का मुद्दा नई सरकार के आने के बाद ही क्यों उठा है? शिरडी के लोग इस मुद्दे पर कानूनी लड़ाई भी लड़ सकते हैं।

जन्मस्थल पर विवाद के कारण पाथरी में श्रद्धालुओं को दी जाने वाली सुविधाओं का विरोध नहीं होना चाहिए। अहमदनगर जिले में स्थित शिरडी में 19वीं शताब्दी में साईंबाबा ने निवास किया था जहां आज लाखों श्रद्धालु प्रतिवर्ष दर्शन करने जाते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने आगे यह भी कहा कि, विवाद की शुरुआत तब हुई जब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने परभणी जिले में स्थित पाथरी के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि प्रदान करने की घोषणा की। कुछ श्रद्धालुओं का मानना है कि, साईंबाबा का जन्म पाथरी में हुआ था।

एनसीपी नेता ने किया यह दावा :

एनसीपी नेता दुर्रानी अब्दुल्लाह खान का यह दावा है कि, इसके पर्याप्त सबूत हैं कि साईंबाबा का जन्म पाथरी में हुआ था। शिरडी साईंबाबा की कर्मभूमि है, जबकि पाथरी उनकी जन्मभूमि है और दोनों स्थान का अपना महत्व है। पाथरी के निवासियों ने कभी इस मामले को नहीं उठाया और साईबाबा ने कभी अपने जन्म स्थल के बारे में नहीं कहा।

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