महाराष्ट्र के सभी राजनैतिक दल क्यों हो रहे हैं ट्रोल?
महाराष्ट्र के सभी राजनैतिक दल क्यों हो रहे हैं ट्रोल? Syed Dabeer Hussain - RE
महाराष्ट्र

महाराष्ट्र के सभी राजनैतिक दल क्यों हो रहे हैं ट्रोल?

Author : रवीना शशि मिंज

राज एक्सप्रेस। महाराष्ट्र चुनाव के परिणाम 24 अक्टूबर को घोषित हुए लेकिन अभी तक कोई भी राजनीतिक दल बहुमत साबित नहीं कर सका है। प्रदेश के हालातों को देखते हुए राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है।

आपको बता दें कि महाराष्ट्र में 288 विधानसभी सीटें हैं। जिसमें 105 सीटें भाजपा ने जीतीं, 56 शिवसेना, 54 एनसीपी और सबसे कम कांग्रेस के पास 44 सीटें हैं।

सरकार बनाने के इस दौड़ में बीजेपी और कांग्रेस में टक्कर है। बीजेपी को बहुमत साबित करने के लिए 145 सीटें नहीं मिल पाई हैं इसलिए वो टकटकी लगाए शिवसेना के समर्थन के इंतज़ार में बैठी है। दूसरी तरफ शिवसेना बीजेपी को समर्थन नहीं देते हुए खुद सरकार बनाने के लिए अड़ी है। शिवसेना विपक्षी दलों के समर्थन में उम्मीद लगाए बैठी है।

इन परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया। महाराष्ट्र में इससे पहले भी 2 बार राष्ट्रपति शासन लागू हुआ है।

भारत के राज्यों में इतनी बार लागू हो चुका है राष्ट्रपति शासन

राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद ट्विटर पर #PresidentRule ट्रेंड करने लगा। इस हैशटैग का इस्तेमाल करके कुछ लोग यूज़र्स पोस्ट शेयर करने लगे, वहीं कई लोगों ने शिवसेना और विपक्षी पार्टियों को हँसी का पात्र बना दिया।

भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े ने ट्वीट किया, 'दुखद है कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है। परिणाम सबके सामने हैं, जनता क्या चाहती है वो हमारे सामने है। ये वक्त है महाराष्ट्र के हित में काम करने का। प्रदेश के लोगों की भलाई को प्राथमिकता देने का।'

इसके अलावा #MaharashtraPolitics, #MaharashtraPoliticalCrisis भी काफी ट्रेंड में है।

'एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर' फिल्म बना चुके फिल्मकार अशोक पंडित ने विपक्ष के समर्थकों पर तंज कसते हुआ लिखा कि, 'जो कांग्रेस शिवसेना को साम्प्रदायिक पार्टी कहती है उसे आज समर्थन देने को तैयार है और ये खानमार्केट, पुरस्कार लौटाने वाले और सूडो लिब्रर्लस मौन क्यों हैं? सहिष्णु दलों की प्रतिक्रिया का इंतज़ार है।'

कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने महाराष्ट्र में लागू राष्ट्रपति शासन का जिम्मेदार बीजेपी और शिवसेना को ठहराया है। उनका कहना है कि बीजेपी और शिवसेना की नाकामी पर आज प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया है।

क्यों हुई महाराष्ट्र में ऐसी स्थिति?

चुनाव से पहले महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना ने गठबंधन किया था। 50-50 फॉर्मूले (प्रदेश में ढाई साल बीजेपी दल का मुख्यमंत्री और अगले ढाई साल शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा) की नींव पर यहा गठबंधन हुआ था लेकिन चुनाव परिणाम आते ही बीजेपी के हावभाव बदल गए। जिसे देखते हुए शिवसेना ने हाथ पीछे खींच लिए। इस सबके बीच ट्विटर पर #ShivSenaCheatsMaharashtra भी ट्रेंड कर रहा था।

बीजेपी ने साफ कह दिया है कि, महाराष्ट्र में वो सरकार नहीं बना सकते क्योंकि, उनके पास बहुमत नहीं है। शिवसेना विपक्षी दलों से समर्थन के कायास लगा रही है ताकि एक मिली जुली सरकार बन सके।

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