मन की बात कार्यक्रम के 93वें एपिसोड में PM मोदी का संदेश
मन की बात कार्यक्रम के 93वें एपिसोड में PM मोदी का संदेश Social Media
भारत

Mann Ki Baat: मन की बात कार्यक्रम के 93वें एपिसोड में PM मोदी का संदेश, जानिए क्या कहा

Sudha Choubey

Mann Ki Baat: आज 25 सितंबर को इस माह का आखिरी रविवार है। हर बार की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अपने मासिक प्रसिद्ध रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' (Mann Ki Baat) के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित कर रहे है। यह PM मोदी के मन की बात कार्यक्रम का 93वां संस्करण है।

मन की बात कार्यक्रम में PM मोदी का संबोधन:

मन की बात कार्यक्रम के 93वें संस्करण में PM मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, "आज 25 सितंबर को देश के प्रखर मानवतावादी, चिंतक पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्मदिन मनाया जाता है। उनके विचारों की खूबी यही रही है कि उन्होंने अपने जीवन में विश्व की बड़ी उथल-पुथल को देखा था। वे विचारधाराओं के संघर्षों के साक्षी बने।"

अब से चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम शहीद भगत सिंह पर होगा:

'मन की बात' में PM मोदी ने कहा कि, "28 सितंबर को अमृत महोत्सव का विशेष दिन आ रहा है। इस दिन हम भारत मां के वीर सपूत भगत सिंह जी की जयंती बनाएंगे। हमने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। यह तय किया है कि, चंडीगढ़ हवाई अड्डे का नाम अब शहीद भगत सिंह जी के नाम पर रखा जाएगा। इसकी लंबे समय से प्रतीक्षा थी।"

प्रधानमंत्री मोदी के 'मन की बात' की बड़ी बातें-

  • गुजरात में 29 सितंबर से होने वाले राष्ट्रीय खेलों के बारे में जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, आप सभी को राष्ट्रीय खेलों को देखना चाहिए और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करें और उनका हौसला बढ़ाएं।

  • हमारे त्योहारों के साथ देश का एक नया संकल्प भी जुड़ा है। यह संकल्प 'वोकल फॉर लोकल' का है। आने वाले 2 अक्टूबर को बापू की जयंती के मौके पर इस अभियान को और तेज़ करने का संकल्प लेना है। खादी, हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट इन सारे प्रोडक्ट के साथ लोकल सामान जरूर खरीदें।

  • यह अभियान इसलिए भी खास है, क्योंकि आज़ादी के अमृत महोत्सव के दौरान हम आत्मनिर्भर भारत का भी लक्ष्य लेकर चल रहे हैं, जो सही मायने में आज़ादी के दीवानों को एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी। आप से निवेदन है कि खादी, हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट के सारे प्रोडक्ट खरदीने में सारे रिकॉर्ड तोड़ दें।

  • पिछले महिने मैंने मोटे अनाज की बात कही थी और अगले साल 'अंतरराष्ट्रीय मिलेट साल' मनाने की बात कही थी। इसको लेकर लोगों में उत्सुकता है। मुझे कई पत्र मिले जिसमें लोगों ने मिलेट को अपने भोजन का हिस्सा बनाया है। कुछ लोगों ने मिलेट से बनने वाली पारंपरिक व्यंजनों के बारे में बताया है।

  • हम सबको मिलकर ई-बुक तैयार करनी चाहिए, जिसमें लोग मिलेट से बनने वाले व्यंजनों और अपने अनुभवों को सझा कर सकें। इससे 'अंतरराष्ट्रीय मिलेट साल' से पहले हमारे पास सार्वजनिक इनसाइक्लोपीडिया भी तैयार होगा जिसे MYGOV पर भी प्रकाशित कर सकते हैं।

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