साल 1905 में हुई थी नोबेल प्राइज देने की शुरुआत
साल 1905 में हुई थी नोबेल प्राइज देने की शुरुआत Syed Dabeer Hussain - RE
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साल 1905 में हुई थी नोबेल प्राइज देने की शुरुआत, जानिए नोबेल पुरस्कारों का इतिहास

Priyank Vyas

राज एक्सप्रेस। स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में नोबेल प्राइज वीक 2022 चल रहा है। इस दौरान अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को नोबेल प्राइज दिया जा रहा है। हालांकि अभी सिर्फ पुरस्कार जीतने वाले व्यक्ति या संस्थान के नामों का ऐलान होगा। दिसंबर में एक कार्यक्रम के दौरान इन्हें नोबेल प्राइज से सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा साल 2020 और साल 2021 के नोबेल प्राइज विजेताओं को भी सम्मानित किया जाएगा, क्योंकि कोरोना के चलते यह विजेता स्टॉकहोम नहीं पहुंच पाए थे।

नोबेल प्राइज का इतिहास :

वर्तमान समय में नोबेल प्राइज दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित अवार्ड माना जाता है। इसकी शुरुआत साल 1901 में हुई थी। यह पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की याद में दिया जाता है। नोबेल प्राइज के जरिए उन लोगों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अपने किसी काम से मानव जाति को बड़ा फायदा पहुंचाया हो।

कौन थे अल्फ्रेड नोबेल?

21 अक्टूबर 1833 को स्वीडन के स्टॉकहोम में जन्मे अल्फ्रेड नोबेल एक मशहूर वैज्ञानिक थे। उन्होंने लगभग 355 आविष्कार किए थे। साल 1867 में नोबेल ने अत्यंत विस्फोटक डायनामाइट का आविष्कार किया था। हालांकि अपने जीवन के अंतिम दिनों में नोबेल को भारी तबाही मचाने वाले आविष्कार करने का अफ़सोस था। 10 दिसंबर 1896 को अपने निधन से पहले उन्होंने अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा एक ट्रस्ट के लिए सुरक्षित रख दिया था। उनकी इच्छा थी कि उनकी संपत्ति से मिलने वाले ब्याज के पैसों से हर साल ऐसे लोगों को सम्मानित किया जाए, जिन्होंने मानव जाति के कल्याण की दिशा में महत्वपूर्ण काम किया हो।

नोबेल फाउंडेशन क्या है?

29 जून 1900 को नोबेल फाउंडेशन की स्थापना की गई थी। इस फाउंडेशन में पांच लोग होते हैं। इसके मुखिया का चुनाव स्वीडन की किंग ऑफ काउंसिल करती है, जबकि बाकी 4 लोगों का चुनाव पुरस्कार वितरक संस्थान के ट्रस्टी मिलकर करते हैं। नोबेल फाउंडेशन ने ही नोबेल प्राइज देने की शुरुआत की थी।

नोबेल प्राइज विजेता को क्या मिलता है?

नोबेल प्राइज के विजेताओं को स्वीडन के राजा अपने हाथों से पुरस्कार देकर सम्मानित करते हैं। इसके अलावा प्राइज मनी के रूप में सभी विजेताओं को दस मिलियन स्वीडिश क्रोना यानी करीब साढ़े सात करोड़ रूपए दिए जाते हैं।

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