नागालैंड हिंसा के विरोध में प्रदर्शन
नागालैंड हिंसा के विरोध में प्रदर्शन Social Media
उत्तर पूर्व भारत

नागालैंड हिंसा के विरोध में प्रदर्शन

News Agency

कोहिमा। नागालैंड के मोन जिले में पिछले दिनों सुरक्षा बलों की गोलीबारी में हुई नागरिकों की मौत को लेकर तनाव का माहौल है और सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) कानून 1958 को रद्द करने की मांग को लेकर जिले में लोगों ने रविवार को प्रदर्शन किया।

गत दिनों नागालैंड में मोन जिले के ओटिंग में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 14 नागरिक मारे गए थे। तिजिल सिविल सोसाइटीज द्वारा तिजित शहर में आयोजित प्रदर्शन में सैकड़ों लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने यहां से नागालैंड चेक गेट तक हथों में तख्तियां लेकर जुलूस निकाला।

प्रदर्शनकारियों ने दोषी सुरक्षा कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और कहा कि, जब तक पीड़ित परिवारों को न्याय नहीं मिलता है, तब तक तिजित शांत नहीं बैठेगी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा संसद में नागालैंड की घटना को लेकर दिए गए बयान की निंदा की और उनसे माफी मांगने की मांग की।

उधर, नागा काउंसिल दीमापुर, आदिवासी होहोस तथा विभिन्न संगठनों ने इस घटना को लेकर नागालैंड के राज्यपाल जगदीश मुखी को ज्ञापन सौंप कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। साथ ही केंद्र सरकार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ओर से कोन्याक यूनियन को दिए गए आश्वासनों को तत्काल पूरा करने की मांग की।

इन संगठनों की ओर से जारी बयान में सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम 1958 को तत्काल रद्द करने की मांग की, ताकि नागालैंड के लोग शांतिपूर्ण तरीके रह सके। साथ ही असम राइफल से 'पहाड़ी लोगों के मित्र' के टैग को तत्काल हटाने की मांग की। मोन जिला कोन्याक यूनियन ने कहा कि वे लोग सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए लोगों की याद में मातम मना रहे हैं, ओटिंग की घटना को कभी नहीं भूलेंगे या न्याय के बिना आगे नहीं बढ़ेंगे।

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