Manipur High Court
Manipur High Court Raj Express
उत्तर पूर्व भारत

Manipur High Court के आदेश से हटाई जाएगी विवादित लाइनें, कोर्ट ने दिया संशोधन का आदेश

Author : gurjeet kaur

हाइलाइट्स :

  • उच्च न्यायालय के आदेश पर कुकी समुदाय ने जताई थी आपत्ति।

  • मैतेई समुदाय लंबे समय से कर रहा था ST स्टेटस की मांग।

मणिपुर। उच्च न्यायालय ने पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला दिया कि, 27 मार्च 2023 को मैतई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की सिफ़ारिश वाले फैसले को संशोधित किया जाए। इसके बाद अब मैतई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने का आदेश देने वाला पैरा अब डिलीट हो गया है। मणिपुर उच्च न्यायालय के द्वारा पहले दिए गए आदेश के बाद कुकी समुदाय ने आदेश में लिखे गए पैरा पर आपत्ति जताई थी।

क्यों हुआ पैरा डिलीट :

दरअसल, न्यायमूर्ति गोलमेई गाइफुलशिलु की पीठ ने पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की। उन्होंने सभी दलीलों को सुनने के बाद कहा कि, यह आदेश महाराष्ट्र राज्य बनाम मिलिंद और अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के विपरीत था, जिसमें शीर्ष अदालत ने कहा था कि अदालतें एसटी सूची को संशोधित या परिवर्तित नहीं कर सकती हैं। मणिपुर उच्च न्यायालय ने बुधवार को दिए अपने फैसले में निर्देश दिया कि, "पैरा संख्या 17 (iii) में दिए गए निर्देश को हटाने की जरूरत है और इसके अनुसार पैरा हटाने का आदेश दिया जाता है।"

क्या था उच्च न्यायालय का फैसला :

मणिपुर उच्च न्यायलय ने साल 2023 में 27 मार्च को एक आदेश दिया था कि, मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिए विचार किया जाए। इस फैसले के बाद मणिपुर में कूकी समुदाय ने आपत्ति जताई थी। मणिपुर उच्च न्यायालय में इस आदेश को लेकर रिव्यू पिटीशन दायर की गई थी।

रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई के दौरान अदालत ने कुकी समुदाय द्वारा जताई गई आपत्ति पर निर्णय लेते हुए आदेश से वो पैरा डिलीट कर दिया है जिस के कारण विवाद हुआ था। मैतेई समुदाय लंबे समय से ST स्टेटस की मांग कर रहा था। अब अदालत ने अपने पूर्व आदेश को संशोधित कर दिया है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT