असंसदीय शब्दों के विवाद पर ओम बिरला का बयान
असंसदीय शब्दों के विवाद पर ओम बिरला का बयान Social Media
भारत

असंसदीय शब्दों के विवाद पर ओम बिरला का बयान

Priyanka Sahu

दिल्ली, भारत। लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान आज 'असंसदीय' शब्दों को लेकर विवाद मचा, इस दौरान विपक्ष जमकर सरकार की आलोचना कर रहा है। ऐसे में अब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का इस पर बयान सामने आया है।

शब्दों पर बैन नहीं लगाया गया है :

असंसदीय शब्दों को लेकर मचे विवाद के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने बयान में कहा- प्रक्रिया के तहत असंसदीय शब्दों पर फैसला हुआ, शब्दों पर बैन नहीं लगाया गया है, काफी लंबे समय से परंपरा चली आ रही है, सरकार के जरिए कोई रोक नहीं लगाई गई है। कोई शब्द प्रतिबंधित नहीं है, उन शब्दों को हटा दिया है जिन पर पहले आपत्ति की गई थी। जिन शब्दों को हटा दिया गया है, वे विपक्ष के साथ-साथ सत्ता में पार्टी द्वारा भी संसद में कहे और उपयोग किए गए हैं। केवल विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों के चयनात्मक निष्कासन के रूप में कुछ भी नहीं है।

पहले इस तरह के असंसदीय शब्दों की एक किताब का विमोचन किया जाता था... कागजों की बर्बादी से बचने के लिए हमने इसे इंटरनेट पर डाल दिया है। किसी भी शब्द पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, हमने हटा दिए गए शब्दों का संकलन जारी किया है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

इन शब्दों और मुहावरों पर लगी रोक :

बता दें कि, नए नियमों के मुताबिक गद्दार, घड़ियाली आंसू, जयचंद, शकुनी, भ्रष्ट जैसे कई शब्दों और मुहावरों पर रोक लगा दी गई है। लोकसभा सचिवालय की ओर से असंसदीय शब्द 2021 के नाम से शब्दों और वाक्यों की सूची तैयार कर इसे सभी सांसदों को भेजा गया, तो विपक्षी सासंद द्वारा इसकी आलोचना की गई और असंसदीय शब्दों पर विवाद होने लगा। जानें किसने क्‍या कहा-

कुछ ही दिनों में संसद का सत्र शुरू होने वाला है। सांसदों पर पाबंदी लगाने वाला आदेश जारी किया गया है। अब हमें संसद में भाषण देते समय इन बुनियादी शब्दों का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, शर्म आनी चाहिए, दुर्व्यवहार किया, धोखा दिया, भ्रष्ट, पाखंड, अक्षम। मैं इन शब्दों का इस्तेमाल करूंगा, मुझे निलंबित कर दीजिए। लोकतंत्र के लिए लड़ाई लडूंगा।
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन
आपके कहने का यह मतलब है कि अब मैं लोकसभा में यह भी नहीं बता सकती कि हिंदुस्तानियों को एक अक्षम सरकार ने कैसे धोखा दिया है, जिन्हें अपनी हिपोक्रेसी पर शर्म आनी चाहिए?
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा
मोदी सरकार की असलियत बताने के लिए विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी शब्दों को अब 'असंसदीय' माना जाएगा, अब आगे क्या विषगुरु?
कांग्रेस नेता जयराम रमेश

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