मास्‍टरमाइंड अफजल गुरु को 10 साल पहले आज के दिन मिली थी फांसी
मास्‍टरमाइंड अफजल गुरु को 10 साल पहले आज के दिन मिली थी फांसी Priyanka Sahu -RE
भारत

संसद हमले के मास्‍टरमाइंड अफजल गुरु को 10 साल पहले आज के दिन मिली थी फांसी

Priyanka Sahu

दिल्‍ली, भारत। आज की तारीख 9 फरवरी इतिहास के पन्‍नों में कुछ इस तरह शुमार है। दरअसल, आज वह दिन है जब मोहम्मद अफज़ल गुरु नाम के एक 'कुख्यात आतंकी' को फांसी पर लटकाया गया था। 2001 को संसद पर हुए आत्मघाती हमले के लिए मृत्यु दंड पाने वाले मोहम्मद अफजल गुरु को फांसी की सजा हुई थी, जिसे आज 10 साल पूरे हो गए है। इस मौके पर आज हम जानेगें संसद पर हमले के आरोपी अफजल गुरु से जुड़ी कुछ जानकारियां...

आज ही दिन तिहाड़ जेल में मिली थी फांसी :

झेलम के तट पर बसा अफजल गुरु का गांव जम्मू कश्मीर के जिले बारामूला में है। अफजल गुरु का जीवन शिक्षा, कला, कविता और आतंकवाद का अनूठा मिश्रण है। साल 2001 में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैय्यबा नामक आतंकवादी गुटों द्वारा पाँच आतंकवादियों ने देश की संसद पर आतंकवादी हमले की घटना को अंजाम दिया गया था, जिसका मुख्‍य दोषी कुख्यात आतंकवादी मोहम्मद अफज़ल गुरु था। इस दौरान साल 2013 में आरोपी मोहम्मद अफज़ल गुरु को आज ही तारीख यानी 9 फ़रवरी को दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी पर लटकाया गया था।

कौन था अफ़ज़ल गुरु :

मोहम्मद अफज़ल गुरु (Mohammad Afzal Guru) आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी था, जिसे भारतीय संसद पर हमले को अंजाम देने की वजह से फांसी की सजा मिली थी। साल 2002 में दिल्ली हाई कोर्ट एवं 2006 में भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने अफज़ल गुरु को फांसी की सजा की घोषणा की थी।

संसद में हमले की कहानी -

संसद के हमले के बारे में बात करें तो, 13 दिसंबर की तारीख को साल 2001 में विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के मंदिर यानी संसद भवन में एक कार से 5 आतंकियों ने एंट्री लेकर अंधाधुंध फायरिंग कर, हमले को अंजाम दिया, जिसमें 9 लोग मारे गए थे और 45 मिनट चली इस फायरिंग में 15 से ज्यादा लोग घायल भी हुए थे।

  • हमले के बाद जम्मू कश्मीर से 15 दिसंबर 2001 को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकी अफजल गुरु को गिरफ्तार कर लिया गया था।

  • पूछताछ के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के जाकिर हुसैन कॉलेज के एसएआर गिलानी, साथ में अफजल गुरु के भाई शौकत हुसैन गुरु और एक आतंकी अफसान गुरु को भी गिरफ्तार किया गया था।

  • 4 जून 2002 को संसद हमले के मुख्य आरोपी अफजल गुरु, गिलानी, शौकत हुसैन गुरु, अफसान गुरु को आरोपी माना गया और 18 दिसंबर 2002 को अफजल गुरु को छोड़कर बाकी सबको फांसी की सजा सुना दी गई।

  • 3 फरवरी, 2013 को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी अफजल गुरु की फांसी पर आई दया याचिका खारिज कर दी। उसके बाद 9 फरवरी 2013 को तिहाड़ जेल में सुबह 8:00 बजे अफजल गुरु को फांसी दे दी गई।

  • इस दाैरान अफजल गुरु ने मौत की सजा से पहले चाय पीने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन चाय वाला न होने के कारणी उसकी यह आखिरी इच्छा भी पूरी नहीं हुई।

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