गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाले कलाकारों से प्रधानमंत्री मोदी का संवाद
गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाले कलाकारों से प्रधानमंत्री मोदी का संवाद Priyanka Sahu -RE
भारत

गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाले कलाकारों से प्रधानमंत्री मोदी का संवाद

Author : Priyanka Sahu

दिल्ली, भारत। प्रधानमंत्री मोदी ने आज रविवार को गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाले NCC कैडेट्स, NSS स्वयंसेवकों और कलाकारों के साथ एक संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

कोरोना ने वाकई बहुत कुछ बदल दिया :

इस दौरान PM मोदी ने कहा, ''कोरोना ने वाकई बहुत कुछ बदल कर रख दिया है। मास्क, कोरोना टेस्ट, दो गज दूरी, ये सब रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गया है। इसके बावजूद भी आपके उत्साह, आपकी उमंग में कोई कमी नजर नहीं आती है। राजपथ पर जब आप जोश के साथ कदम-ताल करते हैं तो हर देशवासी उत्साह से भर जाता है। जब आप भारत की समृद्ध कला, संस्कृति, परंपरा और विरासत की झांकी दिखाते हैं तो हर देशवासी का माथा गौरव से ऊंचा हो जाता है।''

गणतंत्र दिवस परेड में परफॉर्म करने वाले NCC कैडेट्स को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा- गणतंत्र दिवस की परेड भारत की महान सामाजिक, सांस्कृतिक विरासत के साथ ही, हमारी सामरिक ताकत को भी नमन करती है। ये परेड दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को जीवंत करने वाले हमारे संविधान को नमन करती है। इस वर्ष हमारा देश अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इस वर्ष गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व भी है। इसी वर्ष हम नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जन्मजयंती भी बना रहे हैं। अब देश ने यह तय किया है कि नेताजी के जन्म दिवस को हम पराक्रम दिवस के रूप में मनाएंगे।

हमें देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने का अवसर नहीं मिला, लेकिन हमें देश ने अपना सर्वश्रेष्ठ अर्पित करने का अवसर जरूर दिया है। हम देश को मजबूत बनाने के लिए जो कर सकते हैं, वो करते ही रहना चाहिए। गणतंत्र दिवस की तैयारियों के दौरान आपने भी महसूस किया होगा कि हमारा देश कितनी विविधताओं से भरा है। अनेकों भाषाएं, अनेकों बोलियां, अलग-अलग खान-पान कितना कुछ अलग है, लेकिन भारत एक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

PM मोदी के संबोधन में प्रमुख बातें-

  • भारत यानी कोटि-कोटि सामान्य जन के खून पसीने, आकांक्षाओं, अपेक्षा की सामूहिक शक्ति। भारत यानी राज्य अनेक, राष्ट्र एक। भारत यानी समाज अनेक, भाव एक। भारत यानी पंथ अनेक, लक्ष्य एक। भारत यानी भाषाएं अनेक, अभिव्यक्ति एक। भारत यानी रंग अनेक, तिरंगा एक।

  • अपने घर के आसपास जो चीजें बन रही हैं, उसपर मान करना, उसे प्रोत्साहित करना ही वोकल फॉर लोकल है। वोकल फॉर लोकल की भावना तब मजबूत होगी जब इसे एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना से शक्ति मिलेगी।

  • देश में भारत के हर राज्य के रहन-सहन, तीज-त्यौहार के बारे में जागरूकता और बढ़े। विशेषतौर पर हमारी समृद्ध आदिवासी परंपराओं, आर्ट और क्राफ्ट से देश बहुत कुछ सीख सकता है। इन सब को आगे बढ़ाने में 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' अभियान बहुत मदद कर रहा है।

  • कौशल के महत्व को देखते हुए है 2014 में सरकार बनते ही कौशल विकास के लिए अलग मंत्रालय बनाया गया। इस अभियान के तहत अब तक करीब 5.5 करोड़ युवा साथियों को अलग-अलग कला व कौशल की ट्रेनिंग दी जा चुकी है।

  • भारत आत्मनिर्भर किसी के कहने भर से नहीं होगा, बल्कि आप जैसे युवा साथियों के करने से ही होगा। आप ये तब और ज्यादा बेहतर तरीके से कर पाएंगे जब आपके पास जरूरी स्किल सेट होगा।

  • कोरोना की वैक्सीन भारत के वैज्ञानिकों ने भारत में बनाकर अपना कर्तव्य बखूबी निभाया है। अब हमें अपना कर्तव्य निभाना है। झूठ और अफवाह फैलाने वाले हर तंत्र को हमें सही जानकारी से परास्त करना है।

  • मेरा आपसे आग्रह है कि देश में चल रहे कोरोना वैक्सीन अभियान में भी देश की मदद करने के लिए आगे आना है। आपको वैक्सीन को लेकर सही जानकारियां गरीब से गरीब और सामान्य से सामान्य नागरिकों को देनी है।

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