पंजाब के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भगवंत मान
पंजाब के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भगवंत मान Social Media
भारत

भगवंत मान ने CM बनने के बाद अब तक क्या किया?

Author : Harsh Verma

पंजाब। पंजाब में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली मॉडल का खेला खेल दिया है। पंजाब में आप ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए 117 सीटों में से 92 सीटों पर जीत का परचम लहराया है। आज आप को सत्ता में आए 10 दिन हो चुके हैं। आप ने जनता को भरोसा दिलाया है कि अब उनके बुनियादी मुद्दों पर काम होगा। मुफ्त बिजली और हर महिला को हर महीने एक हजार रुपए देना आदि जैसी घोषणा ने एक नई राजनीति की शुरुआत की है और आप को एक स्वतंत्र राज्य की सत्ता मिली है।

पंजाब के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भगवंत मान ‘नायक’ फ़िल्म के नायक की तरह एक्शन मोड में दिख भी रहे हैं। उन्होंने शपथ लेने के साथ ही कई फैसलों पर मुहर लगाना शुरू कर दी है। भगवंत मान ने 16 मार्च को पंजाब के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में भगत सिंह के गांव खटकड़ कलां में शपथ ली थी।

शपथ लेने के तीसरे दिन यानी 19 मार्च को मान सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक के पहले ही युवाओं की झोली में 25 हजार सरकारी नौकरी डाल दीं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दस हजार नौकरी पुलिस विभाग और 15 हजार नौकरियां बाकी अलग-अलग विभागों में देने का ऐलान किया है।

भगवंत मान ने 22 मार्च को भगत सिंह के शहीद दिवस पर पंजाब में हर वर्ष एक दिन के सरकारी अवकाश की घोषणा भी की है। साथ ही उन्होंने इसी दिन राज्य में ग्रुप सी और डी के 35000 अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने का फैसला भी किया।

भगवंत मान सरकार बनाने के बाद से ही सक्रिय हैं। वे कहते हैं कि जब से आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है तब से हमने दिन-रात एक कर दिया है। वे कहते हैं कि हम 70 साल देरी से चल रहे हैं इसलिए आराम करने का वक्त नहीं है।

इसी तरह मान ने 23 मार्च को शहीद दिवस पर भगत सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए एक फोन नंबर 9501-200-200 जारी किया और भ्रष्टाचार के खिलाफ फैसला लेते हुए कहा कि अगर राज्य में कोई भी रिश्वत लेता है तो उसका वीडियो बना कर भेजें, सरकार उसपर तुरंत कार्रवाई करेगी।

भगवंत मान ने 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और कहा कि मुलाकात अच्छी रही, प्रधानमंत्री ने मुझे चुनाव जीतने की बधाई दी और अच्छी सेहत की कामना की। उन्होंने पीएम से कहा कि नेशनल सिक्योरिटी के लिए पंजाब को आपका सहयोग चाहिए। साथ ही उन्होंने पीएम से राज्य की वित्तीय स्थिति के खराब होने की बात भी कही। पंजाब पर तीन लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज है और हमारी सरकार नई बनी है। उन्होंने पीएम से 50-50 हजार करोड़ कम से कम दो साल तक पैकेज के रूप में मांगें हैं

मान ने 25 मार्च को विधायकों की पेंशन पर हथौड़ा चलाते हुए फैसला लिया और कहा कि कई बार चुनाव जीते विधायकों, पूर्व विधायकों को हर टर्म की पेंशन नहीं मिलेगी। केवल एक ही टर्म की पेंशन दी जाएगी। साथ ही इनके परिवार को दी जाने वाली पेंशन में भी कटौती की जाएगी। शुक्रवार को मान ने एक भ्रष्टाचार के मामले की सूचना मिलने पर कार्रवाई के आदेश दिए और कहा कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

आम आदमी पार्टी को एक स्वतंत्र राज्य की सत्ता मिल गई है। पंजाब के नए मुख्यमंत्री एक्शन मोड में दिख भी रहे हैं। लेकिन पंजाब के सामने अभी कई चुनौतियां हैं। ऐसे में देखना होगा कि, सीएम भगवंत मान और इस समय सुपर सीएम का तमगा लिए अरविंद केजरीवाल जनता की उम्मीदों पर कितने खरे उतरते हैं। क्योंकि पंजाब में आप के प्रदर्शन पर ही उसकी आने वाली राजनीति की दशा और दिशा तय होगी।

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