सपने में भी सावरकर नहीं बन सकते राहुल गांधी : अनुराग ठाकुर
सपने में भी सावरकर नहीं बन सकते राहुल गांधी : अनुराग ठाकुर Social Media
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सपने में भी सावरकर नहीं बन सकते राहुल गांधी : अनुराग ठाकुर

News Agency, राज एक्सप्रेस

नई दिल्ली। केंद्रीय युवा मामले, खेल और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर सावरकर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी को उनकी नासमझी करार दिया और कहा कि राहुल गांधी की सपने में भी सावरकर से तुलना नहीं कर सकते। श्री ठाकुर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि वीर सावरकर होने के लिए दृढ़ संकल्प, भारत के प्रति प्रेम, निस्वार्थता और प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है।

फांसी से पहले शहीद ए आजम भगत सिंह द्वारा वीर सावरकर की दो किताबों से डायरी में नोट्स बनाये जाने का जिक्र करते हुए श्री ठाकुर ने आगे कहा, "उन सावरकर का अपमान कोई नासमझ ही कर सकता है। श्री राहुल गांधी उन स्वातन्त्र्य वीर सावरकर का अपमान करते हैं, जिनकी किताब 'भारत का प्रथम स्वातंत्र्य समर' का पंजाबी में अनुवाद करवाकर बांटने के लिए खुद भगत सिंह जी वीर सावरकर जी से मिलने रत्नागिरी गए थे और उसे छापा भी था।"

आजादी से पूर्व के दौर में वीर सावरकर के प्रति कांग्रेस के आदर एवं सम्मान का आलेख करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, "सावरकर जी ने यह इज्जत ऐसे ही नहीं कमाई, उस दौर के जितने भी बड़े नेता थे, सावरकर जी की देशभक्ति और साहस के आगे नतमस्तक थे, यहाँ तक की कांग्रेस ने भी 1923 के काकीनाडा अधिवेशन में सावरकर जी के लिए प्रस्ताव पारित किया था।"

पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा वीर सावरकर के बारे में लिखे गए पत्र व उनके कार्यकाल में जारी किए गए डाक टिकट की प्रति अपने ट्विटर एकाउंट पर पोस्ट करते हुए श्री ठाकुर ने आगे कहा, "भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के लिए श्री वीर सावरकर जी की लड़ाई और योगदान को स्वीकार करते हुए पूर्व पीएम श्रीमती इंदिरा गांधी जी ने भी पत्र लिखा था और उनके सम्मान में डाक टिकट भी जारी किया था।"

श्री ठाकुर ने अपने ट्विटर एकाउंट पर पूर्व प्रधानमंत्री श्री इंदिरा गांधी जी की सरकार में वीर सावरकर जी पर बने वृत्तचित्र का भी लिंक पोस्ट किया और कहा, "सोचिए, जिस महान व्यक्तित्व वीर सावरकर के सम्मान में उनकी दादी ये सब करती हों, उस दौर के किसी भी महापुरुष ने उनके बारे में गलत ना बोला हो..आज राहुल गांधी ये सब बोलते हैं, तो वो दरअसल सावरकर का नहीं अपनी दादी का, नेताजी सुभाष चंद्र बोस का, शहीद भगत सिंह और यहां तक कि महात्मा गांधी का भी अपमान कर रहे हैं।"

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