प्रवासी राजस्थानियों का देश के अर्थ जगत में बड़ा प्रभाव:गहलोत
प्रवासी राजस्थानियों का देश के अर्थ जगत में बड़ा प्रभाव:गहलोत Social Media
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प्रवासी राजस्थानियों का देश के अर्थ जगत में बड़ा प्रभाव : अशोक गहलोत

News Agency

जयपुर। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राजस्थान के लोग दुनिया में कहीं भी रहे, उनका अपनी मिट्टी से जुड़ाव बना रहना बहुत ही गर्व की बात है और प्रवासी राजस्थानी उद्यमियों का देश की आर्थिक स्थिति में बड़ा प्रभाव है। श्री गहलोत आज जेईसीसी में आयोजित इन्वेस्ट राजस्थान समिट-2022 के तहत नॉन रेजीडेंट राजस्थानी (एनआरआर) कॉन्क्लेव सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि माटी से जुड़ाव रखना और सामाजिक सरोकार में आगे बढ़कर योगदान करना राजस्थानवासियों की संस्कृति और संस्कार में शामिल है। राजस्थान के लोग दुनिया में कहीं भी रहे, उनका अपनी मिट्टी से जुड़ाव बना रहना बहुत ही गर्व की बात है। यह जुड़ाव आगे भी ऐसा ही बना रहे।

उन्होंने कहा कि विदेशों में रह रहे राजस्थानी प्रवासी अपनी अगली पीढ़ी को भी राजस्थान लाते रहें, ताकि उनका अपनी माटी से जुड़ाव निरंतर बना रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी प्रदेश में अकाल-सूखा पड़ा, तब प्रवासी राजस्थानियों ने खुलकर सहयोग किया। कोरोनाकाल में भी हमनें प्रवासियों से संवाद कर सुख-दुःख बांटा। उन्होंने अपने प्रदेश के लिए विपरीत परिस्थितियों में भी सहयोग किया। राज्य सरकार के द्वार प्रवासी राजस्थानियों के लिए हमेशा खुले हुए हैं। उन्हें यहां उद्योग लगाने में हरसंभव सहयोग किया जाएगा। श्री गहलोत ने कहा कि आज राजस्थान हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है। यहां अच्छी सड़कें और मजबूत आधारभूत ढांचा है। राज्य सरकार ने उद्योगों और निवेशकों के लिए बेहतरीन योजनाएं शुरू की है। साथ ही, आवश्यक नीतिगत बदलाव किए हैं। इससे निवेश के लिए अनुकूल माहौल बना है। विगत वर्षों में राजस्थान निवेश के लिए पसंदीदा डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है।

श्री गहलोत ने कहा कि प्रदेश में पेट्रोकेमिकल्स रीजन से संबंधित प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। वहां से सहयोग नहीं मिलने पर राज्य सरकार स्वयं अपने स्तर पर कार्य को आगे बढ़ाएगी। इससे आने वाले समय में राजस्थान पेट्रोकैमिकल आधारित उद्योगों का हब बन सकेगा और बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। श्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने शहरों में भी वंचित वर्गों को रोजगार के अधिकाधिक अवसर उपलब्ध कराने की दृष्टि से हाल में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना लागू की है। साथ ही प्रदेश में मनरेगा योजना के तहत 25 दिवस का अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चे भी विदेशों में अध्ययन कर सकें, इसके लिए राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना शुरू की है। इसमें प्रतिभाशाली 200 विद्यार्थियों की विदेश में पढ़ाई सहित पूरा खर्च राज्य सरकार वहन कर रही है। इसके अलावा मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना लागू की गई है, जिसमें विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी सरकार अपने खर्च पर करा रही है।

मुख्यमंत्री ने सत्र के दौरान पहली नॉन रेजीडेंट राजस्थानी (एनआरआर) पॉलिसी और राजस्थान फाउंडेशन की वेबसाइट को भी लॉन्च किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि राजस्थान के लोग कहीं भी रहें, राजस्थान उनसे दूर नहीं रह सकता। इन्वेस्ट समिट में प्रवासी राजस्थानियों की उपस्थिति उनके मातृभूमि के प्रति प्रेम व समर्पण को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि यह अपने आप में पहला ऐसा इन्वेस्टमेंट समिट है, जिसमें एक भी एमओयू साइन नहीं हो रहा है बल्कि समिट से पहले ही अधिकांश निवेश के एमओयू और एलओआई हस्ताक्षरित हो चुके हैं और 40 प्रतिशत से अधिक एमओयू फलीभूत भी हो चुके हैं। राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव ने बताया कि समिट में सामाजिक सरोकार से जुड़े करीब 300 करोड़ रूपये के एमओयू हस्ताक्षरित हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासी राजस्थानियों ने प्रदेश के इतिहास को पन्नों से बाहर निकालकर विराट स्वरूप प्रदान किया है।

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