गणतंत्र दिवस : दुनिया को लोकतंत्र भारत की ही देन
गणतंत्र दिवस : दुनिया को लोकतंत्र भारत की ही देन Raj Express
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गणतंत्र दिवस : दुनिया को लोकतंत्र भारत की ही देन, जानिए दुनिया के पहले गणराज्य वैशाली के बारे में

Priyank Vyas

राज एक्सप्रेस। आज पूरा देश अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस मौके पर पूरे देश में परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ तिरंगा झंडा फहराया जा रहा है। साल 1950 में आज के ही दिन देश में संविधान लागू किया गया था। इसी के साथ भारत एक गणतंत्र राष्ट्र बना था, यानी ऐसा राष्ट्र जिसकी सत्ता जनसाधारण में समाहित हो। गणतंत्र से आशय एक ऐसे राष्ट्र से है जिसमें शासक को जनता द्वारा चुना जाता है। भारत को गणतंत्र राष्ट्र बने भले ही सिर्फ 74 साल हुए हो, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में जहां भी गणतांत्रिक व्यवस्था लागू है वह प्राचीन भारत की ही देन है।

दुनिया का पहला गणराज्य बना :

ऐतिहासिक प्रमाणों के अनुसार आज से करीब 2700 साल पहले वैशाली में गणतांत्रिक व्यवस्था लागू हो गई थी। इसे वैशाली गणराज्य के नाम से भी जाना जाता था। वैशाली को दुनिया का पहला गणराज्य भी माना जाता है। यह भारत के बिहार प्रांत में था। वर्तमान में यह जगह बिहार की राजधानी पटना से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वैशाली को दुनिया का पहला गणराज्य भी माना जाता है। यहां लिच्छवियों द्वारा गणतंत्र की स्थापना की गई थी।

संसद प्रणाली :

आज दुनिया के 50 से अधिक देशों में लोकतांत्रिक प्रणाली है। लोकतांत्रिक देशों में संसद प्रणाली होती है, जहां जनता के चुने हुए प्रतिनिधि सांसद कहलाते हैं। यह सांसद ही जनता के लिए नियम और कानून बनाते हैं। खास बात यह है कि यह प्रणाली वैशाली में भी लागू थी। यहां लोग अपने गणनायक का चुनाव करते थे। यहां गणनायकों की छोटी-छोटी समितियां हुआ करती थी जो हर तरह के कामों पर बारीकी से नजर रखती थी और जनता के लिए नियम और नीतियां बनाती थीं।

बहस के जरिए चुने जाते थे गणनायक :

आज अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच सार्वजानिक बहस होती है। इस बहस की दुनियाभर में चर्चा होती है। कहा जाता है कि इसी तरह की बहस वैशाली में भी होती थी। यहां बहस के जरिए ही लोग अपने गणनायक को चुनते थे।

सुरक्षा के लिए अपनाया था गणतंत्र :

दरअसल वैशाली द्वारा दुनिया में पहली बार गणतंत्र अपनाने का मुख्य कारण राज्य की सुरक्षा थी। लिच्छवियों ने ऐसा राज्य को बाहरी आक्रमण से बचाने के लिए किया था। उनका मानना था कि अगर राज्य पर बाहर से कोई आक्रमण होता है तो गणराज्य होने के चलते इसे पूरी जनता पर आक्रमण माना जाएगा। ऐसे में युद्ध के दौरान पूरी जनता का समर्थन मिलेगा।

यहीं से हुई थी गणतंत्र की शुरुआत :

वर्तमान में लोकतांत्रिक देशों में जो गणतंत्र है और वैशाली में जो गणतंत्र था, उसमें बहुत असमानता है लेकिन कहा जाता है कि गणतंत्र का मुख्य विचार वहीं से लिया गया है। कुछ इतिहासकारों का यह भी मानना है कि दुनिया के सबसे पुराने गणतंत्र में से एक अमेरिका में जब राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया पर विमर्श चल रहा था, तब वहां के पॉलिसी-मेकर्स के दिमाग में वैशाली के गणतंत्र का मॉड्यूल चल रहा था।

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