कश्मीर, भारत। कश्मीर की गोल्डन गर्ल के नाम से अपनी पहचान बनाने वाली सादिया तारिक ने एक बार फिर अपना झंडा लहराया है। इस बार वह मास्को में चल रही बुशु प्रतियोगिता में गोल्डन मेडल जीतकर कश्मीर के साथ ही हमारे देश का नाम भी ऊंचा किया है। वह भी उन हालातों में जबकि कश्मीर हिंसा के थपेड़ों में अशांत है और वहां रहने वालों को रात-दिन वहां के हालातों से जूझना पड़ रहा है ऐसी स्थिति में सादिया तारिक कश्मीर में किसी ताजे ठंडे हवा के झोके से कम नहीं हैं जो कि संदेश है इस बात का कि अब जम्मू कश्मीर भी तेजी से करवट बदल रहा है।
सादिया तारिक पहले भी अनेक मेडल जीत चुकी हैं लेकिन इस बार उन्होंने जो काम किया है उससे देश का नाम रोशन हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी ट्वीट कर सादिया को बधाई व शुभकामनाएं दी हैं और उसकी जीत पर अपनी खुशी जाहिर की है। सादिया के पिता तारिक पेशे से वीडियो जर्नलिस्ट हैं और एक बड़े नेशनल चैनल में अपनी सेवाएं दे रही हैं।
सादिया तारिक का कहना :
सादिया तारिक का कहना है कि, 'मैं डॉक्टर या इंजीनियर नहीं बनना चाहती, मेरा सपना ओलंपिक में अपने देश के लिए प्रतिनिधित्व करना और स्वर्ण पदक जीतना है। खेल हमें चिंता, तनाव और अवसाद जैसी मानसिक पीड़ाओं से दूर रखता है। मैं चाहता हूं कि घाटी के सभी माता-पिता अपने बच्चों को खेलों में सक्रिय भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें। लड़कियां अपनी प्रतिभा दिखा सकें इसके लिए सरकार को उन्हें प्रोत्साहन देना चाहिए और एक मंच प्रदान करना चाहिए।" बेमिना हाउसिंग कॉलोनी, श्रीनगर कश्मीर में सादिया तारिक रहती हैं। सादिया का जन्म 30 जून, 2006 को श्रीनगर में हुआ था।
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