Sharad Yadav
Sharad Yadav Syed Dabeer Hussain - RE
भारत

शरद यादव : जेल में रहते हुए कांग्रेस को उसके गढ़ में हराया, लालू प्रसाद को दी पटखनी

Vishwabandhu Pandey

राज एक्सप्रेस। जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केन्द्रीय मंत्री शरद यादव का गुरुवार रात में निधन हो गया है। सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उन्हें गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के कई बड़े नेताओं ने दुःख जाहिर किया है। शरद यादव का अंतिम संस्कार 14 जनवरी को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद स्थित उनके पैतृक गांव बाबई में किया जाएगा। तीन अलग-अलग राज्यों मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार से लोकसभा सांसद रहे शरद यादव के राजनीति से जुड़े कई यादगार किस्से हैं। तो चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ किस्सों के बारे में-

जेल से पहुंचे लोकसभा :

जेपी आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले शरद पंवार साल 1974 में जबलपुर विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष थे। इसी दौरान कांग्रेस नेता और जबलपुर सांसद सेठ गोविंद दास के निधन के चलते वहां उपचुनाव हुआ। उस वक्त विरोध प्रदर्शन के चलते शरद यादव को मीसा कानून के तहत जेल में डाल दिया गया था। हालांकि शरद यादव ने जेल से ही लोकसभा का चुनाव लड़ा और एक लाख से भी अधिक वोटों से जीत हासिल की।

ज्योतिष के कहने पर राजीव के खिलाफ लड़े :

संजय गांधी के निधन के बाद अमेठी में उपचुनाव हुआ, जिसमें कांग्रेस की ओर से राजीव गांधी मैदान में थे। वहीं दूसरी तरफ किसी ज्योतिष की सलाह पर चौधरी चरण सिंह ने शरद यादव को अमेठी उपचुनाव लड़ने के लिए कहा। ऐसे में ना चाहते हुए भी शरद यादव ने अमेठी से चुनाव लड़ा। हालांकि इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

लालू यादव से भिड़े थे शरद यादव :

साल 1997-98 में जनता दल के अध्यक्ष पद को लेकर शरद यादव और लालू प्रसाद यादव में ठन गई थी। उस समय बिहार के मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बने रहना चाहते थे। ऐसे में यह मुद्दा अदालत पहुंच गया। भारतीय राजनीति के इतिहास में यह एकमात्र ऐसा मौका था जब किसी दल के अध्यक्ष का चुनाव अदालत की निगरानी में हुआ।

तीन अलग-अलग राज्यों से रह चुके है सांसद :

यह शरद यादव का ही करिश्मा था कि मध्यप्रदेश से होने के बावजदू वह तीन अलग-अलग राज्यों से लोकसभा सांसद बने। वह मध्यप्रदेश के अलावा उत्तरप्रदेश और बिहार से भी सांसद रहे। आज भी उनकी पहचान बिहार के राजनेता के रूप में ही होती है। शरद यादव मध्यप्रदेश से 2 बार, उत्तरप्रदेश से एक बार और बिहार से चार बार लोकसभा के सांसद बने।

लालू को दी शिकस्त :

अपने करीबी दोस्त रहे लालू प्रसाद यादव से अनबन के बाद शरद यादव ने साल 1999 में उनकी के खिलाफ चुनाव लड़ा। इस चुनाव में शरद यादव ने लालू प्रसाद यादव को करीब 30 हजार वोटों से शिकस्त दी।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT