बगावत से संकट में शिवसेना, जानिए कब-कब हुई पार्टी में टूट
बगावत से संकट में शिवसेना, जानिए कब-कब हुई पार्टी में टूट Syed Dabeer Hussain - RE
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Maharashtra Political Crisis : बगावत से संकट में शिवसेना, जानिए कब-कब हुई पार्टी में टूट

Priyank Vyas

राज एक्सप्रेस। शिवसेना के कद्दावर नेता एकनाथ शिंदे सहित पार्टी के अन्य विधायकों की बगावत ने महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार को मुश्किल में डाल दिया है। इसे देखते हुए उद्धव ठाकरे सहित पार्टी के अन्य नेता बागी विधायकों को मनाने में जुटे हुए हैं। वैसे शिवसेना के इतिहास में यह पहला मौका नहीं है जब पार्टी में टूट हुई हो।

शिवसेना का इतिहास :

महाराष्ट्र के स्थानीय लोगों के अधिकारों की लड़ाई के लिए बाल ठाकरे ने 19 जून 1966 को शिवसेना की स्थापना की थी। साल 1989 में पहली बार शिवसेना का सांसद चुना गया था। साल 1990 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने महाराष्ट्र में 52 सीटों पर जीत हासिल की थी। शिवसेना के दो नेता मनोहर जोशी और नारायण राणे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वर्तमान में बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे पार्टी के प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं।

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छगन भुजबल की बगावत :

साल 1991 में बाल ठाकरे से नाराज होकर छगन भुजबल ने 8 विधायकों के साथ पार्टी छोड़ दी थी,और कांग्रेस में शामिल हो गए। यह पहला मौका था जब शिवसेना में टूट हुई हो।

नारायण राणे का विद्रोह :

मुख्यमंत्री रहे नारायण राणे ने उस समय उद्धव ठाकरे को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का विरोध किया था। उद्धव और राणे के बीच मनमुटाव इतना बढ़ गया कि नारायण राणे ने साल 2005 में 10 विधायकों के साथ शिवसेना छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

राज ठाकरे ने बनाई नई पार्टी :

पार्टी में अपनी उपेक्षा से नाराज बाल ठाकरे के भतीजे और उद्धव ठाकरे के भाई राज ठाकरे साल 2005 में पार्टी से अलग हो गए और साल 2006 में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का गठन किया। उस समय बड़ी संख्या में शिवसैनिक पार्टी छोड़कर राज ठाकरे की पार्टी में शामिल हो गए थे।

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