तमिलनाडु में साल के पहले जल्लीकट्टू की शुरुआत
तमिलनाडु में साल के पहले जल्लीकट्टू की शुरुआत Raj Express
दक्षिण भारत

Jallikattu : तमिलनाडु में साल के पहले जल्लीकट्टू की शुरुआत, 500 बैलों ने लिया हिस्सा

gurjeet kaur

हाइलाइट्स :

  • जल्लीकट्टू के लिए स्थानीय लोगों में काफी उत्साह।

  • पुदुक्कोट्टई के थाचनकुरिची गांव में किया जा रहा आयोजन।

  • अप्रिय घटना को रोकने के लिए भारी पुलिस बल तैनात।

तमिलनाडु। राज्य में शनिवार सुबह साल के पहले जल्लीकट्टू कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है। यह कार्यक्रम पुदुक्कोट्टई जिले में आयोजित किया जा रहा है। पुदुक्कोट्टई जिले के थाचनकुरिची गांव में शनिवार सुबह से लोग आने शुरू हो गए। बताया जा रहा है कि, इस जल्लीकट्टू में 500 बैल हिस्सा लेंगे। पोंगल से पहले यह पहला जल्लिकट्टु है। इसे लेकर स्थानीय लोगों में काफी उत्साह है।

लम्बे समय से कार्यक्रम की तैयारियां की जा रही थीं। कार्यक्रम में विशेष अतिथियों के लिए मंच तैयार किया गया है। आयोजन से पहले इस जल्लीकट्टू कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले बैलों और लोगों की चिकित्स्कीय जाँच भी की गई थी। इस हेतु पुदुक्कोट्टई जिला प्रशासन ने आयोजकों को नियमों की एक गाइड लाइन भी जारी की थी।

पुलिस बल भी तैनात :

कार्यक्रम के दौरान अप्रिय घटना को रोकने के लिए भारी पुलिस बल भी तैनात किया है। कार्यक्रम शुरू होने से पहले अधिकारियों ने यहाँ का निरिक्षण भी किया था। कार्यक्रम स्थल पर चिकित्स्कीय सहायता के लिए डॉक्टर्स को भी तैनात किया गया है।

क्या है जल्लिकट्टु :

तमिलनाडु में खेला जाने वाला जल्लिकट्टु यहा पोंगल का हिस्सा है। तमिल भाषा के दो शब्द जली और कुट्टू से मिलकर बना है। जली का अर्थ सोने के सिक्के और कुट्टू का अर्थ बैल का सींग होता है। तमिलनाडु में लोगों के बीच यह काफी लोकप्रिय खेल है,, इसे सांस्कृतिक गौरव से जोड़कर भी देखा जाता है। हजारों साल पुराने इस खेल में बैलों से लड़ाई के अलावा उन्हें दौड़ाया भी जाता है।

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