Subhash Chandra Bose Death Anniversary
Subhash Chandra Bose Death Anniversary Naval Patel - RE
भारत

पुण्यतिथि : भारत की एक जेल जो आज भी सुभाषचंद्र बोस के लिए रिजर्व है, जानिए पूरा मामला

Vishwabandhu Pandey

राज एक्सप्रेस। भारत माता के महान वीर सपूत नेताजी सुभाषचंद्र बोस की आज पुण्यतिथि है। इस मौके पर देशभर में लोग आजादी के इस महानायक को नमन कर रहे हैं। सुभाषचंद्र बोस का ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आजादी दूंगा’ का नारा आज भी लोगों की दिलों में देशप्रेम की भावना को जीवंत कर देता है। उन्होंने देश की आजादी के लिए अंग्रेजों के खिलाफ पूरे दमखम से लड़ाई लड़ी। इस दौरान वह कई बार जेल भी गए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में आज भी ऐसी एक जेल है, जिसकी एक बैरक नेताजी सुभाषचंद्र बोस के लिए रिजर्व है।

जबलपुर में कैद थे नेताजी :

दरअसल आजादी की लड़ाई के दौरान अंग्रेजों ने सुभाषचंद्र बोस को दो बार जबलपुर की जेल में बंद रखा था। ख़ास बात यह है कि दोनों ही बार उन्हें एक ही बैरक में रखा गया था। यही कारण है कि बाद में जबलपुर जेल की इस ख़ास बैरक को सुभाषचंद्र बोस के लिए रिजर्व कर दिया गया। इस बैरक में अब किसी भी कैदी को बंद नहीं किया जाता है। यहीं नहीं जबलपुर की इस जेल का नाम भी ‘नेताजी सुभाषचंद्र बोस केन्द्रीय जेल’ रखा गया है।

कैदी करते हैं नमन :

इस केन्द्रीय जेल में बंद कैदियों के लिए भी यह बैरक ख़ास है। जेल में रहने के दौरान सुभाषचंद्र बोस अपने बैरक में पत्थर की जिस शिला पर सोते थे, आज उस शिला पर वहां बंद कैदी हर सुबह फूल चढ़ाते हैं। नेताजी ने जेल की इस बैरक में कुल 214 दिन गुजारे थे। पहली बार में वह कुल 209 दिन जबकि, दूसरी बार में वह 5 दिन यहां रहे थे।

म्यूजियम में बदला बैरक :

सुभाषचंद्र बोस के लिए रिजर्व यह ख़ास बैरक को किसी म्यूजियम में बदल दिया गया है। यहां की दीवार को फोटो एल्बम बना दिया गया है। दीवार पर नेताजी के जीवन से जुड़ी तस्वीरों को लगाया गया है। इसके अलावा ब्रिटिश शासनकाल की घड़ी, जेल प्रहरियों की वर्दी, बेल्ट, तिजोरी भी यहां संभालकर रखी गई है।

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