एग्जाम रद्द के बवाल के बीच सुप्रीम कोर्ट की फाइनल ईयर एग्जाम करवाने पर मुहर
एग्जाम रद्द के बवाल के बीच सुप्रीम कोर्ट की फाइनल ईयर एग्जाम करवाने पर मुहर Social Media
भारत

एग्जाम रद्द के बवाल के बीच सुप्रीम कोर्ट की फाइनल ईयर एग्जाम करवाने पर मुहर

Author : Priyanka Sahu

दिल्‍ली, भारत। देशभर में कोरोना के संकटकाल के चलते एक तरफ IIT-JEE-NEET 2020 की परीक्षा कराए जाने को लेकर बवाल मचा हुआ है, इन्हीं विवादों के बीच आज (28 अगस्‍‍त) सुप्रीम कोर्ट ने विश्वविद्यालयों के फाइनल ईयर की परीक्षाओं को लेकर बड़ा फैसला सुना दिया है, जिसको लेकर देशभर के विद्यार्थी, उनके अभिभावक, शिक्षक व शिक्षा जगत से जुड़े सभी लोग फाइनल ईयर 2020 की परीक्षाओं को लेकर चिंतित थे कि, सितंबर में एक्जाम होंगे या नहीं।

UGC के दिशा-निर्देशों पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर :

दरअसल, देश की शीर्ष अदालत (सुप्रीम कोर्ट) द्वारा सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में स्नातक कोर्सेज की फाइनल ईयर परीक्षाओं को लेकर यूजीसी के दिशा-निर्देशों पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी है और साफ-साफ कहा कि, विश्वविद्यालयों के फाइनल ईयर के एग्जाम होंगे और 30 सितंबर तक परीक्षा करवाने के लिए UGC के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दिखाई।

यूजीसी की अनुमति के बिना एग्जाम रद्द नहीं :

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि, यूजीसी की अनुमति के बिना राज्य एग्जाम रद्द नहीं कर सकते। फाइनल ईयर की परीक्षाएं आयोजित किए बिना छात्रों को पास नहीं किया जा सकता। राज्यों को 30 सितंबर तक एग्जाम कराने होंगे, जो राज्य 30 सितम्बर तक अंतिम वर्ष की परीक्षा कराने के इच्छुक नहीं हैं, उन्हें यूजीसी को इसकी जानकारी देनी होगी।

यूजीसी एक स्वतंत्र संस्था है, विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं के आयोजन का जिम्मा यूजीसी का है न कि किसी राज्य सरकार का...यूजीसी ने कहा कि वह सितंबर तक परीक्षाओं के आयोजन के हक में है जो कि छात्रों के भविष्य के हितों के मद्देनजर सही है। सुनवाई के दौरान यूजीसी ने यह भी कहा कि बिना परीक्षा के मिली डिग्री को मान्यता नहीं दी जा सकती, परीक्षा को लेकर फैसला लेने का अधिकार केवल UGC का है, क्योंकि UGC ही डिग्री देती है।
सुप्रीम कोर्ट

इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में यूजीसी के 6 जुलाई के सर्कुलर को सही ठहराते हुए कहा कि, ''आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत राज्य महामारी को ध्यान में रखते हुए परीक्षा स्थगित कर सकते हैं, लेकिन उन्हें यूजीसी के साथ सलाह मशविरा करके नई तिथियां तय करनी होंगी।''

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