अब बिना NEET एग्जाम के ही मिलेगा मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन
अब बिना NEET एग्जाम के ही मिलेगा मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन Social Media
भारत

बड़ा फैसला : अब बिना NEET एग्जाम के ही मिलेगा मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन

Author : Kavita Singh Rathore

Neet Exam : जैसा की सभी जानते हैं डॉक्टरी की पढ़ाई करने के लिए पहले स्टूडेंट्स को NEET की परीक्षा देना पड़ती है। इन्हीं के आधार पर वह अच्छे कॉलेजों में एडमिशन पाते हैं। पिछले साल की तरह ही इस साल भी कोरोना के चलते NEET की परीक्षा स्थगित करने की काफी मांग उठी थी, लेकिन इन्हें रद्द नहीं किया गया था और 12 सितंबर को देशभर में इस साल की 'नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट परीक्षा' (NEET) 2021 UG की परीक्षा का आयोजन किया गया। इसी बीच तमिलनाडु में NEET की परीक्षा को लेक्जर एक बहुत बड़ा फैसला लिया गया है।

तमिलनाडु सरकार का बड़ा फैसला :

दरअसल, अब तमिलनाडु में NEET का एग्जाम दिए बिना भी मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन मिल सकेगा। जी हां, आपको शायद यह खबर फेक लगे, लेकिन यह खबर बिलकुल सही है। इस मामले में आज ही तमिलनाडु विधान सभा में एक विधेयक पारित किया गया है। जिसके तहत एक कानून बनाया गया है कि, राज्य में NEET का एग्जाम आयोजित नहीं किया जाएगा, बल्कि सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए मेडिकल कॉलेजों में 12th के मार्क्स के आधार पर ही विधार्थियों को एडमिशन दिया जाएगा। इस बिल के अनुसार, सरकारी स्कूलों के विधार्थियों को 7.5% हॉरिजेंटल आरक्षण का लाभ भी दिया जाएगा।

बिल को मिला समर्थन :

बताते चलें, ये बिल मुख्यमंत्री एम के स्टालिन (MK Stalin) ने बिल पेश किया है। हालांकि, इस बिल को कांग्रेस, AIADMK, PMK और अन्य दलों का भी समर्थन मिला है। विधेयक के प्रावधानों के मुताबिक, 'तमिलनाडु के मेडिकल कॉलेजों में ग्रेजुएट स्तर के कोर्सेज में मेडिकल, डेंटल केयर, इंडियन मेडिसिन और होम्योपैथी में क्लास 12th के मार्क्स के आधार पर एडमिशन लिया जा सकेगा। हालांकि, इस फैसले पर BJP ने आपत्ति जताते हुए सदन से वॉकआउट किया है। बता दें, सदन में इस बिल के विरोध में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दल के नेता के. पलानीस्वामी ने आत्महत्या करने वाले 19 वर्षीय छात्र धनुष का मुद्दा उठा दिया।

तमिलनाडु मुख्यमंत्री का कहना :

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के स्टालिन ने इस मामले में कहा है कि, 'तमिलनाडु में पहली बार नीट (NEET) का आयोजन तब किया गया जब पलानीस्वामी मुख्यमंत्री थे और यह उस समय भी नहीं किया गया था जब जयललिता मुख्यमंत्री थीं। हाल के वर्षों में जिन छात्रों ने भी आत्महत्याएं की वह पलानीस्वामी के मुख्यमंत्री रहते हुईं। विधेयक में उच्च स्तरीय समिति के सुझावों का हवाला देते हुए कहा गया है कि, सरकार ने ग्रेजुएशन लेवल के मेडिकल कोर्सेस में एडमिशन के लिए नीट की बाध्यता समाप्त करने का निर्णय लिया है ऐसे कोर्सेज में योग्यता परीक्षा में प्राप्त मार्क्स के आधार पर एडमिशन दिया जाएगा।'

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