बच्चों के समग्र विकास के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ का हो समुचित प्रशिक्षण: आनंदीबेन
बच्चों के समग्र विकास के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ का हो समुचित प्रशिक्षण: आनंदीबेन Social Media
उत्तर प्रदेश

बच्चों के समग्र विकास के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का हो समुचित प्रशिक्षण:आनंदीबेन

Author : News Agency

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि बच्चों के समग्र विकास के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को समुचित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए और प्रशिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए कार्यकर्ताओं में से ही चयन कर प्रशिक्षण कराया जाये।

श्रीमती पटेल ने आज यहां डा. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी के सभागार में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शिशु-शिक्षा का केन्द्र होती है। इसलिए बच्चों के समग्र विकास के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को समुचित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि, प्रशिक्षकों की कमी को पूरो करने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में से ही प्रशिक्षक का चयन कर प्रशिक्षण कराया जाये।

समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि वैज्ञानिक शोध के अनुसार अपने जीवन का सर्वाधिक 80 प्रतिशत ज्ञान बच्चे 6 से 7 वर्ष तक की आयु तक ग्रहण कर लेते हैं, इसलिए व्यक्तित्व निर्माण के लिए गर्भाधान से लेकर 06 वर्ष तक की शिशु-शिक्षा में आंगनबाड़ी की अहम् भूमिका है। उन्होंने कहा लम्बी अवधि के बाद शिक्षा व्यवस्था में बदलाव के लिए नई शिक्षा नीति-2020 प्राख्यापित की गई है, जिसमें बच्चों को हुनर से जोडऩे पर जोर दिया गया है, ऐसे में गर्भाधान से 06 वर्ष तक के शिशु की शिक्षा और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

उन्होंने इस संदर्भ में अभिमन्यु द्वारा मां के गर्भ में ही चक्रव्यूह भेदने की शिक्षा प्राप्त कर लेने का उल्लेख भी किया। इसी क्रम में उन्होंने शिशु स्वास्थ्य की चर्चा करते हुए माताओं के स्वास्थ्य और उचित पोषण की चर्चा करते हुए कहा कि बालिकाएं भविष्य की माताएं हैं इसलिए उनके उचित पोषण और स्वास्थ्य का किशोरावस्था से ही ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय स्तर पर घर की गर्भवती महिला की देखभाल सम्बन्धी शिक्षण भी दिया जाना चाहिए।

आंगनबाड़ी केन्द्रों पर शिशु भर्ती के संदर्भ में श्रीमती पटेल ने कहा कि ऐसे शिशु जो सत्र के समय 3-4 माह छोटे हैं, उन्हें भी सत्र के प्रारम्भ में ही केन्द्र पर भर्ती कर लिया जाय, जिससे उनका कोई भी पाठ्यक्रम न छूटे। उन्होंने कहा कि बच्चे एक साथ पढ़ेंगे-एक साथ बढ़ेंगे। राज्यपाल जी ने आंगनबाड़ी केन्द्रों पर समस्त व्यवस्थाएं बच्चों के उपयोग हेतु सुगम तथा उनकी ऊंचाई के अनुसार की व्यवस्थित करने के निर्देश दिए।

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