हाइलाइट्स :
निलंबित होने के बाद पहली बार मीडिया के सामने आये दानिश अली।
दानिश अली बसपा की टिकट से अमरोहा से सांसद चुने गए थे।
ईवीएम की सुरक्षा पर संदेह के बाद चर्चा में आये थे दानिश।
दिल्ली। बहन मायावती का यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण, मैं कभी पार्टी विरोधी गतिविधी में शामिल नहीं रहा। यह बात बहुजन समाजवादी पार्टी से निलंबित दानिश अली ने कही है। अमरोहा से सांसद दानिश अली को पार्टी विरोधी गतिविधि के चलते शनिवार को निलंबित किया गया। इसी के चलते दानिश अली ने मीडिया के सामने आकर अपना पक्ष रखा।
निलंबन पर सांसद दानिश अली ने कहा, बहन मायावती ने सदैव मुझे आशीर्वाद दिया है लेकिन उनका (बसपा प्रमुख मायावती) फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं कभी भी किसी भी तरह की पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं रहा। मेरी अमरोहा की जनता इसकी गवाह है। मैंने भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध किया है और करता रहूंगा...चंद - पूंजीपतियों द्वारा लूट के ख़िलाफ मैंने आवाज उठाई है, आगे भी उठाता रहूंगा। यही जनता की सच्ची सेवा है। अगर ऐसा करना जुर्म है तो हाँ मैंने ये जुर्म किया है। अमरोहा की जनता को आश्वासन देता हूँ, हमेशा उनकी सेवा करता रहूंगा।
अब तक आपने सुना होगा कि, सिफारिश से नौकरी या अन्य कोई सरकारी कामकाज होते हैं लेकिन एक ऐसा मामला भी उजागर हुआ है जिसके बाद ये कहा जा सकता है कि, राजनीतिक दलों के बीच भी सिफारिशें चलती हैं। ये सिफारिशें तब अहम हो जाती हैं जब एक दल का नेता दूसरे दल में अपने समर्थक को सांसद की कुर्सी तक पहुंचा दे। इसका खुलासा बहुजन समाज पार्टी के सांसद और हाल ही में ईवीएम के सुरक्षित होने पर संदेह का सवाल उठाने वाले दानिश अली के निलंबन के बाद हुआ है। पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें।
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