अयोध्या: 5 अगस्त को दिवाली जैसा जश्‍न
अयोध्या: 5 अगस्त को दिवाली जैसा जश्‍न Priyanka Sahu -RE
उत्तर प्रदेश

अयोध्या: 5 अगस्त को दिवाली जैसा जश्‍न, हर घर-मंदिर में दीपों की रोशनी

Priyanka Sahu

अयोध्या : भगवान श्री राम के भव्‍य मंदिर निर्माण को लेकर अयोध्या उत्साह और उल्लास में डूबी हुई है, क्‍योंकि 5 अगस्त को भूमि पूजन का शुभ मुहूर्त निकाला है। इसके पहले आज 25 जुलाई को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया है।

500 साल बाद 5 अगस्त को आया शुभ मुहूर्त :

अयोध्या में CM योगी आदित्यनाथ ने पहले हनुमानगढ़ी में दर्शन किया, इसके बाद राम जन्मभूमि कार्यशाला पहुंचे, जहां उन्होंने तराशे गए पत्थरों को देखा। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और साथ-साथ साधु संतों के साथ बैठक भी की, जिसमें उन्‍होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि, 500 साल बाद 5 अगस्त को ये शुभ मुहूर्त आया है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखेंगे और भूमि पूजन करेंगे। इस बैठक में साधू संतों के साथ CM योगी ने कई बिंदुओं पर चर्चा हुई। साथ ही कोरोना महामारी के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरी तरह से ध्यान रखा गया।

नए आसन पर विराजमान भरत-शत्रुघ्न-लक्ष्मण :

अयोध्या में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम जन्मभूमि स्थल पर भगवान राम की पूजा की। इसके बाद भरत, शत्रुघ्न और लक्ष्मण को नए सिंहासन पर विराजमान कराया। इसके बाद वे हनुमानगढ़ी पहुंचे और भगवान हनुमान के दर्शन कर पूजा और आरती भी की।

दीप जलाकर मनाई जाएगी खुशियां :

वहीं 5 अगस्त को अयोध्या को पूरी तरह से दीपकों से प्रज्वलित कर भूमि पूजन के कार्यक्रम को लेकर लोग खुशियां मनाएंगे। इस मौके को प्रकाश पर्व यानी दिवाली की तर्ज पर बनाए जाने की तैयारी चल रही है। राम मंदिर के भूमि पूजन के दौरान अयोध्या में हर मंदिर और घर को दीया और मोमबत्तियों से रोशन करने की योजना है...ठीक वैसे ही जिस दिन भगवान राम 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।

5 अगस्त को सबसे शुभ समय :

वहीं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने कहा, "प्रधानमंत्री के लिए शिलान्यास समारोह की समय सीमा हिंदू कैलेंडर के अनुसार तय की गई है। 5 अगस्त को सबसे शुभ समय (12.15 बजे) है। भूमि पूजन के लिए वैदिक अनुष्ठान भगवान गणेश को अर्पित की जाने वाली विशेष पूजा से शुरू होगा। हिंदू अनुष्ठानों के अनुसार हर शुभ समारोह भगवान गणेश को प्रसाद के साथ शुरू होता है। अगले दिन, पुजारी रामचार्य पूजा करेंगे और अंतिम दिन 5 अगस्त को एक और भूमिपूजन किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री भाग लेंगे।''

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