गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण निर्धारित अवधि में हो पूरा : तिवारी
गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण निर्धारित अवधि में हो पूरा : तिवारी Social Media
उत्तर प्रदेश

गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण निर्धारित अवधि में हो पूरा : तिवारी

Author : News Agency

लखनऊ, उत्तर प्रदेश। मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने सोमवार को कहा कि योगी सरकार की महत्वकांक्षी गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना का निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा होना चाहिये।

परियोजना की सचिव समिति की बैठक में श्री तिवारी ने कहा कि गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना को निर्धारित समयावधि में पूरा करने के लिए तत्परता से कार्यवाही की जाये। परियोजना समय से पूरी हो, इसके लिए सभी जरूरी उपाय समय से सुनिश्चित किये जायें। उन्होंने परियोजना के क्रियान्वयन के लिए विभिन्न कार्यों की समय-सारिणी निर्धारित कर तद्नुसार कार्यवाही एवं प्रगति की नियमित एवं गहन समीक्षा किये जाने के निर्देश दिये।

इससे पूर्व गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना का प्रस्तुतीकरण करते हुए अपर मुख्य सचिव एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीडा अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि एक्सप्रेसवे की प्रस्तावित लम्बाई 594 किमी है, जो कि मेरठ के बिजौली ग्राम के समीप से प्रारंभ होकर प्रयागराज के जुडापुर दांदू ग्राम तक जायेगा।

इस एक्सप्रेसवे से कुल 12 जिले मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज अच्छादित होंगे। इस परियोजना से 519 ग्राम भी आच्छादित होंगे तथा परियोजना की कुल लागत 36,230 करोड़ रुपये है। मेरठ में पडऩे वाली लम्बाई 15 किमी, हापुड़ में 33, बुलंदशहर में 11, अमरोहा में 26, संभल में 39, बदायूं में 92, शाहजहांपुर में 40, हरदोई में 99, उन्नाव में 105, रायबरेली में 77, प्रतापगढ़ में 41 तथा जनपद प्रयागराज में पडऩे वाली लम्बाई 16 किमी है।

प्रस्तुतीकरण में यह भी बताया गया कि गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण 06 लेन (08 लेन में विस्तारणीय) प्रस्तावित किया गया है। आरओडब्ल्यू की चौड़ाई 120 मी, डिजायन स्पीड 120 किमी/घंटा, जन सुविधा परिसर 09, मुख्य टोल प्लाजा 02 मेरठ एवं प्रयागराज में, रैम्प टोल प्लाजा 15 प्रस्तावित किये गये हैं।

गंगा नदी पर लगभग 960 मीटर एवं रामगंगा नदी पर लगभग 720 मीटर लम्बाई के दीर्घ सेतु प्रस्तावित है। शाहजहांपुर के समीप हवाई पट्टी भी प्रस्तावित की गई है। इसके अतिरिक्त परियोजना के अंतर्गत 14 दीर्घ सेतु, 126 लघु सेतु, 929 कल्वेर्ट्स , 07 आरओबी, 50 वीयूपी, 171 एलवीयूपी, 154 एसवीयूपी, 28 फ्लाईओवर्स, 02 ट्रम्पेट, 07 डबल ट्रम्पेट, 08 डायमण्ड इंटरचेन्ज, 09 वे साइड एमेनिटीज तथा 17 नोड डॅवलपमेन्ट प्रस्तावित किये गये हैं।

बैठक में यह भी बताया गया कि परियोजनान्तर्गत पीपीपी (टॉल) मोड पर डिजाइन, बिल्ड, फाइनेन्स, ऑपरेट एण्ड ट्रांसफर (डीबीएफओटी) पद्धति पर आमंत्रित ईओआई में 11 राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठित निवेशकों द्वारा प्रतिभाग किया गया है तथा परियोजना के लिये 12 पैकेज को 04 ग्रुप (01 ग्रुप में 03 पैकेज) विभाजित करते हुए पीपीपी मोड पर आरएफक्यू/आरएफपी आमंत्रित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। बैठक में आरएफपी डाक्यूमेन्ट में प्रस्तावित संशोधनों पर भी सचिव समिति द्वारा विचार-विमर्श किया गया तथा इस संबंध में मुख्य सचिव द्वारा तत्परता से आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।

बैठक में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त, अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास, अपर मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव नियोजन सहित सम्बन्धित सभी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों आदि द्वारा प्रतिभाग किया गया। बैठक का संचालन एवं प्रस्तुतीकरण अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी द्वारा किया गया।

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