Danish Ali Suspended From BSP
Danish Ali Suspended From BSP Raj Express
उत्तर प्रदेश

जब एक नेता ने दूसरे राजनीतिक दल में अपने समर्थक को सांसद की कुर्सी तक पहुंचा दिया, पढ़िए पूरा किस्सा

gurjeet kaur

हाइलाइट्स :

  • अमरोहा से सांसद दानिश अली पार्टी से निलंबित।

  • दानिश अली बसपा में सिफारिश से सांसद बनाए गए।

  • निलंबन के साथ यह मामला हुआ उजागर।

उत्तरप्रदेश। अब तक आपने सुना होगा कि, सिफारिश से नौकरी या अन्य कोई सरकारी कामकाज होते हैं लेकिन एक ऐसा मामला भी उजागर हुआ है जिसके बाद ये कहा जा सकता है कि, राजनीतिक दलों के बीच भी सिफारिशें चलती हैं। ये सिफारिशें तब अहम हो जाती हैं जब एक दल का नेता दूसरे दल में अपने समर्थक को सांसद की कुर्सी तक पहुंचा दे। इसका खुलासा बहुजन समाज पार्टी के सांसद और हाल ही में ईवीएम के सुरक्षित होने पर संदेह का सवाल उठाने वाले दानिश अली के निलंबन के बाद हुआ है।

दरअसल, बसपा के सांसद दानिश अली को पार्टी ने शनिवार को निलंबित कर दिया। उनके निलंबन के साथ ही यह मामला भी उजागर हुआ कि, दानिश अली बसपा में सिफारिश से सांसद बनाए गए। कहानी इस प्रकार है कि, पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा की सिफारिश पर बसपा ने दानिश अली को अमरोहा लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था। दानिश अली जीत कर संसद पहुँच गए अब जब उनका निलंबन हो गया है तो बसपा ने इस पूरे मामले को कुछ इस तरह उजागर किया है। बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा के हस्ताक्षर से जारी निलंबन आदेश में बताया गया कि,

साल 2018 तक आप (दानिश अली) पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की जनता पार्टी के सदस्य के रूप में कार्य कर रहें थे, तथा कर्नाटक में साल 2018 के आमचुनाव में बहुजन समाज पार्टी और जनता पार्टी के साथ गठबन्धन करके चुनाव लड़ा गया था, तथा इस गठबन्धन में आप पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा की पार्टी के तरफ से काफी सक्रिय थे। कर्नाटक के उक्त चुनाव के नतीजों के आने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा के अनुरोध पर आपको अमरोहा से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी के रूप में टिकट दिया गया।

पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा का आश्वासन :

टिकट दिए जाने के पहले देवगौड़ा जी ने यह आश्वासन दिया था कि, आप बहुजन समाज पार्टी का टिकट मिलने के उपरान्त बहुजन समाज पार्टी की सभी नीतियों व निर्देशों का सदैव पालन करेंगे और पार्टी के हित में ही कार्य करेंगे। इस आश्वासन को आपने (दानिश अली) भी उनके समक्ष दोहराया था। इसी आश्वासन के बाद ही आपको (दानिश अली) बीएसपी की सदस्यता ग्रहण कराई गई थी और अमरोहा से चुनाव जिताकर लोकसभा में भेजा गया पर दानिश अली अपने आश्वासनों को भूल कर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हो गए।

क्यों चर्चा में रहे दानिश अली :

सांसद दानिश अली पिछले दिनों तब चर्चा में आये थे जब उन्होंने संसद भवन के बाहर मीडिया से चर्चा के दौरान ईवीएम की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि, हम शुरू से ही ईवीएम के खिलाफ रहे हैं। चुनाव बैलेट पेपर पर होना चाहिए। ईवीएम का सबसे पहले विरोध बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने किया था। बीजेपी सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने इस पर एक किताब लिखी। कोई पार्टी पोस्टल बैलेट पर जीतती है और ईवीएम पर हारती है, हमने इसे कई बार संसद में उठाया है...हम ईवीएम का विरोध करते रहेंगे। चुनाव बैलेट पेपर पर होना चाहिए।

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