कानपुर कांड में शक के घेरे में चौबेपुर थाना समेत 200 पुलिसकर्मी
कानपुर कांड में शक के घेरे में चौबेपुर थाना समेत 200 पुलिसकर्मी Social Media
उत्तर प्रदेश

UP: कानपुर कांड में शक के घेरे में चौबेपुर थाना समेत 200 पुलिसकर्मी

Priyanka Sahu

उत्तर प्रदेश, भारत। उत्तर प्रदेश के कानपुर में बिकरू गांव में मुठभेड़ के दौरान आठ पुलिसकर्मियों की दर्दनाक मौत के बाद कुख्यात अपराधी विकास दुबे के खिलाफ जांच पड़ताल जारी है और इस दौरान एक के बाद एक चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं।

बढ़ रही विकास दुबे के मददगारों की संख्या :

अब कानपुर कांड पर खौफ कर देने वाला यह खुलासा सामने आया है कि, पुलिस विभाग के लोगों की भूमिका भी संदिग्ध है। वहीं चौबेपुर थाना शक के घेरे में है और जांच पड़ताल में धीरे-धीरे सभी खुलासे हो रहे हैं व पुलिस महकमे में छिपे विकास दुबे के मददगारों की संख्या बढ़ती जा रही है।

शक के दायरे में 200 पुलिसकर्मी :

सूत्रों के मुताबिक, विकास दुबे से संबंध के शक में पूरे चौबेपुर थाने समेत करीब 200 पुलिसकर्मी शक के दायरे में हैं, जिन्होंने समय-समय पर या तो विकास की मदद की या उससे फ़ायदा लिया है। चौबेपुर, बिल्हौर, ककवन और शिवराजपुर थाने के 200 से अधिक पुलिसकर्मी रडार पर हैं और इनमें से वो सभी शामिल हैं, जो कभी न कभी चौबेपुर थाने में भी तैनात रहे हैं, फ़िलहाल, इन सभी के मोबाइल CDR खंगाले जा रहे हैं।

पूछताछ में यह बात आई सामने :

कानपुर के बिकरू कांड में निलंबित बीट दारोगा के. के. शर्मा ने पूछताछ में बताया है कि, "2 जुलाई को शाम 4 बजे विकास ने फोन पर धमकी दी थी कि थानेदार को समझा लो, अगर बात बढ़ी तो बिकरू गांव से लाश उठेंगी, बीट दारोगा ने थानेदार को सूचना देकर और बिकरू गांव की बीट हटाकर दूसरी बीट देने को कहा था। वो विकास दुबे की धमकी से सहम गया था, इसलिये बाद में मुठभेड़ टीम में भी शामिल नहीं हुआ।"

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