राम वन गमन मार्ग पर रामायणकालीन वृक्षों की वाटिका स्थापित करायी जाए : योगी
राम वन गमन मार्ग पर रामायणकालीन वृक्षों की वाटिका स्थापित करायी जाए : योगी Social Media
उत्तर प्रदेश

राम वन गमन मार्ग पर रामायणकालीन वृक्षों की वाटिका स्थापित करायी जाए : योगी

Author : राज एक्सप्रेस

राज एक्सप्रेस। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राम वन गमन मार्ग पर अलग-अलग स्थानों पर रामायण कालीन वृक्षों की वाटिका स्थापित करायी जाए और इसके तहत राम वन गमन मार्ग पर आस-पास की ग्राम सभाओं की भागीदारी से रामायणकालीन वृक्षों का रोपण कराया जाए।

मुख्यमंत्री आज यहां आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में वृक्षारोपण जन आन्दोलन-2021 के तहत कराए जाने वाले व्यापक वृक्षारोपण कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ियों को अपने गौरवशाली अतीत से जोडने के लिए राम वन गमन मार्ग का संवर्धन महत्वपूर्ण है। इससे वनों एवं प्राचीन स्थलों के पौराणिक स्वरूप एवं महत्ता को पुनर्स्थापित करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष में राज्य सरकार ने व्यापक जनसहभागिता से 30 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य रखा है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि वृक्षारोपण जन आन्दोलन-2021 के तहत वन विभाग द्वारा 26 राजकीय विभागों व व्यापक जन सहयोग के माध्यम से प्रदेशभर में 30 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य रखा गया है। इस दौरान राम वन गमन मार्ग के किनारे रामायणकालीन प्रजातियों के पौधों का रोपण कराया जाएगा। महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में अयोध्या से चित्रकूट तक राम वन गमन मार्ग में मिलने वाली 88 वृक्ष प्रजातियों एवं वनों एवं वृक्षों के समूह का उल्लेख है। महर्षि वाल्मीकि कृत रामायण एवं विभिन्न शास्त्रों में श्रृंगार वन, तमाल वन, रसाल वन, चम्पक वन, चन्दन वन, अशोक वन, कदम्ब वन, अनंग वन, विचित्र वन, विहार वन का उल्लेख मिलता है।

रामायण में उल्लिखित 88 वृक्ष प्रजातियों में से कई विलुप्त हो चुकी हैं अथवा देश के अन्य भागों तक सीमित हो गई हैं। यथा रामायण में उल्लिखित रक्त चन्दन के वृक्ष वर्तमान में दक्षिण भारत तक सीमित हैं। वन विभाग द्वारा राम वन गमन मार्ग में पडऩे वाले जनपदों-अयोध्या, प्रयागराज, चित्रकूट में रामायण में उल्लिखित 88 वृक्ष प्रजातियों में से प्रदेश की मृदा, पर्यावरण व जलवायु के अनुकूल 30 वृक्ष प्रजातियों का रोपण कराया जा रहा है। यह वृक्ष प्रजातियां-साल, आम, अशोक, कल्पवृक्ष/पारिजात, बरगद, महुआ, कटहल, असन, कदम्ब, अर्जुन, छितवन, जामुन, अनार, बेल, खैर, पलाश, बहेड़ा, पीपल, आंवला, नीम, शीशम, बांस, बेर, कचनार, चिलबिल, कनेर, सेमल, सिरस, अमलतास, बड़हल हैं। इन जनपदों में इन वृक्षों के रोपण की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

अयोध्या जिले में राम वन गमन मार्ग श्री रामजन्मभूमि परिसर से प्रारम्भ होकर अयोध्या वन प्रभाग के बीकापुर रेंज की बेरूगंज ग्राम सभा तक लगभग 34 किलोमीटर विस्तारित है। इस मार्ग एवं आस-पास की ग्राम सभाओं में वर्षाकाल वर्ष 2021 में 27,000 पौधे खण्ड वृक्षारोपण के रूप में तथा 220 पौधे ब्रिकगार्ड बनाकर रोपे जाएंगे। इसके तहत बेनवा, जमुनीपुर, ज्ञसूलाबाद ग्राम समाज व रामनगर से आती तमसा बांध, आशापुर चन्दई ग्राम समाज व रामनगर से आशापुर चन्दई तमसा बांध तथा बीकापुर जाना मार्ग पर 05-05 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 5500-5500 पौधे रोपित किए जाएंगे। इसके अलावा, गौराघाट हनुमान मन्दिर में ब्रिकगार्ड में 200 तथा श्रवण आश्रम अयोध्या में ब्रिकगार्ड में 20 पौधे रोपित किए जाएंगे। इस प्रकार, कुल 25 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में 27,720 पौधों का रोपण होगा।

भगवान श्री राम के वन गमन मार्ग में प्रयागराज व चित्रकूट अत्यन्त पावन एवं महत्वपूर्ण स्थल हैं। वन विभाग द्वारा प्रयागराज जिले में रामायणकालीन वृक्ष प्रजातियों का रोपण कराया जा रहा है। चित्रकूट जिले में रामायणकालीन वृक्ष प्रजातियों के रोपण के लिए 35 हेक्टेयर क्षेत्र में 17,500 गड्ढे तथा 7,000 बोनानाली की खुदायी का कार्य कराया गया है। यहां रोपित की जाने वाली प्रजातियों में आम, अशोक, कल्पवृक्ष, बरगद, चन्दन, महुआ, कटहल, कदम्ब, अर्जुन, छितवन, मदार, जामुन, अनार, कचनार, बेल, खैर, पलाश, बहेड़ा, पीपल, तमाल, आंवला, नीम, शीशम, बांस, चिरौंजी, तेंदू, बेर, कनेर, सेमल, सिरस, अमलतास आदि शामिल हैं।

डिस्क्लेमर : यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। इसमें राज एक्सप्रेस द्वारा कोई संशोधन नहीं किया गया है।

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