राम मंदिर में स्‍थापित हुआ पहला सोने का दरवाजा
राम मंदिर में स्‍थापित हुआ पहला सोने का दरवाजा Social Media
उत्तर प्रदेश

राम मंदिर में स्‍थापित हुआ पहला सोने का दरवाजा, जानिए कितने हजार किलो की चढ़ी है परत

Deepti Gupta

हाइलाइट्स :

  • 22 जनवरी को होनी है राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्‍ठा। 

  • सोमवार काे मंदिर में लगा पहला सोने से जड़ा दरवाजा। 

  • सागौन की लकड़ी से बने हैं दरवाजे। 

  • चांदी से जड़ा है रामलला का सिंहासन।

अयोध्‍या, उत्तर प्रदेश। अयोध्‍या में राम मंदिर के उद्घाटन के लिए रामभक्‍तों के बीच उत्साह बढ़ रहा है। लोग हर रोज अयोध्‍या और राम मंदिर से जुड़ी जानकारी गूगल पर सर्च कर रहे हैं। कुल मिलाकर इन दिनों भक्‍तों पर श्रीराम की आस्‍था का रंग साफ नजर आ रहा है। जैसे-जैसे रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्‍ठा का दिन नजदीक आ रहा है, मंदिर में काम जोरों पर है। इस बीच सोने के दरवाजे की पहली तस्‍वीर सामने आई है। 12 फीट ऊंचा और 8 फीट चौड़ा यह राजसी स्‍वर्ण दरवाजा गर्भगृह का मुख्‍य द्वार है। इसे साेमवार को सफलतापूर्वक स्‍थापित कर दिया गया है। बता दें कि मंदिर में 46 दरवाजे होंगे, जिनमें से 42 दरवाजों पर 100 किलो की सोने की परत चढ़ाई जाएगी। 

इस पेड़ की लकड़ी से बने हैं मंदिर के दरवाजे 

अयोध्या स्थिति निर्माणाधीन राम मंदिर में दरवाजों की नक्‍काशी देखकर हर कोई हैरान है। इन पर विष्‍णु, कमल, गज और प्रणाम स्‍वागत मुद्रा में देवी के चित्र दरवाजों को भव्‍यता प्रदान कर रहे हैं। ये सभी चित्र हिंदू धर्म में शुभता का प्रतीक हैं, इस बात को ध्‍यान में रखते हुए इन्‍हें दरवाजों पर अंकित किया है। सभी दरवाजे सागौन की लकड़ी से बने हैं। महाराष्ट्र के बलारशाह और अल्लापल्ली वन क्षेत्रों से खरीदी गई सागौन की लकड़ी का उपयोग मंदिर के सभी 44 दरवाजों में किया गया है। दरवाजों पर नागर शैली के निर्माण की झलक देखी जा सकती है। बता दें कि इन दरवाजों को हैदराबाद की 100 साल पुरानी कंपनी अनुराधा टिंबर ने तैयार किया है। 

चांदी का सिंहासन  

बताया जा रहा है कि भगवान राम का सिंहासन भी चांदी की परत चढ़ा हुआ होगा। सिंहासन को कुछ इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि चारों तरफ से लोग इसे आसानी से देख सकें और इसकी सुंदरता का आनंद ले सकें। 

हर ईंट पर अंकित है "श्री राम 2023"

अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण में राम के नाम की विशेष ईंटों का उपयोग किया जा रहा है। इन ईंटों को सादा ईंटों की तुलना में ज्‍यादा मजबूत और टिकाऊ बनाने के लिए एक अनूठी प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। मंदिर के निर्माण के वर्ष के उपलक्ष्य में उन पर "श्री राम 2023" शब्द भी अंकित है।

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