उत्तर प्रदेश: गाजियाबाद में अवैध बम फैक्ट्री में धमाका-फैली दहशत
उत्तर प्रदेश: गाजियाबाद में अवैध बम फैक्ट्री में धमाका-फैली दहशत Social Media
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उत्तर प्रदेश: गाजियाबाद में अवैध बम फैक्ट्री में धमाका-फैली दहशत

Priyanka Sahu

उत्तर प्रदेश, भारत। देश में जारी कोरोना संकटकाल के बीच आगजनी जैसी घटनाएं भी सामने आ रही है। अब हाल ही में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से एक फैक्ट्री में धमाके होने की खबर सामने आ रही है कि, गाजियाबाद के मोदीनगर तहसील के पास स्थित बरखवां गांव में अवैध रूप से संचालित एक पटाखा फैक्ट्री में रविवार की दोपहर के वक्त एक के बाद एक कई धमाके हुए।

इस घटना में आठ लोगों की मौत :

गाजियाबाद में घटित हुई इस घटना में अभी तक आठ लोगों के मौत होने की पुष्टि हुई है, जबकि दर्जन भर से अधिक लोगों के घायल होने की सूचना सामने आ रही है। वहीं, इस घटना की जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी के अलावा अन्य पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर घटनास्थल पहुंचे एवं फायर ब्रिगेड, एनडीआरएफ और पुलिस ने फैक्ट्री के अंदर से शवों को निकालने के साथ ही आग बुझाने की कवायद तेज कर दी है।

धमाके के बाद भीषण आग :

पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, फैक्ट्री में रविवार को भी बम बनाने का काम चल रहा था। आशंका है कि, उस वक्त फैक्ट्री के अंदर करीब 30 लोग काम कर रहे थे। इसी दौरान अचानक एक धमाका हुआ और आग लग गई। देखते ही देखते फैक्ट्री में एक के बाद एक कई धमाके हुए और पूरी फैक्ट्री आग की चपेट में आ गई। अंदर काम कर रहे मजदूरों ने भागने का प्रयास तो किया, लेकिन आग की लपटों में बुरी तरह से घिर जाने की वजह से कुछ ही लोग बाहर निकल पाए।

धमाके के बाद दहशत का माहौल :

इधर, स्थानीय लोगों ने बताया कि, धमाके की आवाज काफी दूर तक सुनी गई। धमाके के बाद आसपास के गांव के अलावा गाजियाबाद तक दहशत का माहौल बन गया। आनन-फानन में जिला मुख्यालय से राहत टीमों को रवाना करने के बाद जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय भी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी के साथ मौके के लिए रवाना हो गए। उधर, पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) नीरज कुमार जादौन भी दल बल के साथ मौके पर पहुंच कर राहत कार्य शुरू करा दिया।

इस घटना के बाद ग्रामीणों ने बताया कि, "यह फैक्ट्री अवैध रूप से आवासीय क्षेत्र में करीब पांच साल से संचालित हो रही थी। इसकी पूरी सूचना पुलिस और प्रशासन को थी, बावजूद इसके इसे बंद कराने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया। इसी फैक्ट्री में पूर्व में काम करने वाले किसी व्यक्ति ने पुलिस में लिखित शिकायत दी थी। इसके बाद सीओ मोदीनगर और थाना प्रभारी ने फैक्ट्री आकर मुआयना किया था। यहां तक कि फैक्ट्री संचालक को हिरासत में भी लिया गया था, लेकिन देर रात उसे छोड़ दिया गया।"

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