राज एक्सप्रेस। अभी तक आपने कई मामलों को लेकर कई बड़े गिरोह के पर्दाफाश होने की बाते सुनी होंगी, लेकिन अब एक और बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हुआ हैं, यह मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का है। यहां मड़ियांव में नकली खून बनाकर बेचने का काला धंधा (Fake Blood Business) चल रहा था, ये लोग कुछ केमिकल व पानी द्वारा खून बनाते थे।
कैसे हुआ इस मामले का खुलासा :
दरअसल, यूपी एसटीएफ ने गुरूवार देर रात मड़ियांव स्थित 2 हॉस्पिटलों में छापा मारकर 8 यूनिट खून बरामद किया, हालांकि यूपी एसटीएफ मामले की जांच में जुटी है, देर रात तक एसटीएफ ब्लड बैंक के दस्तावेज एवं कर्मचारियों का ब्यौरा खंगाल रही थी। इस नकली खून के काले कारोबार मामले पर 7 आरोपियों को दबोचा जा चुका है।
कैसे बनाते थे खून :
ये आरोपी केमिकल और पानी मिलाकर 2 यूनिट से 3 यूनिट खून बनाते थे, वो भी बिना किसी मेडिकल डिग्री के कर्मचारी यह काम कर रहे थे। ब्लड बैंक में कोई भी डॉक्टर तैनात नहीं था, पकड़े गए सभी युवक इंटर तक पढ़े हुए हैं। अगर हम इस काले कारोबार गिरोह के लोगों की वसूली की बात करें तो, ये एक यूनिट मिलावटी खून के लिए 3500 रूपये की वसूली करते थे और मजदूरों और रिक्शाचालकों से 1000-1200 रूपये में खून खरीदता था, जिसमें केमिकल और पानी मिलाता था।
एसटीए की ये छापेमारी रही गोपनीय :
वैसे यहां हम आपकों बता दें कि, एसटीएफ द्वारा की गई ये छापेमारी काफी गोपनीय रही, यहां तक की इस मामले की भनक पुलिस तक को भी नहीं लगी। एसटीएफ के मुताबिक, लगभग 15 दिनों तक ब्लड बैंक की रेकी की, सबूत एवं साक्ष्य जुटाने के बाद एसटीएफ के डिप्टी एसपी अमित नागर के नेतृत्व में देर रात तक छापेमारी जारी रही।
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