बहराइच में आदमखोर बाघ पिंजरे में
बहराइच में आदमखोर बाघ पिंजरे में Social Media
उत्तर प्रदेश

बहराइच में आदमखोर बाघ पिंजरे में

News Agency

बहराइच। उत्तर प्रदेश में बहराइच जिले के कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के जंगल से सटे ग्रामीण इलाके में आतंक का पर्याय बना एक बाघ मंगलवार को पिंजरे में कैद हो गया, जबकि बाघिन खतरा भांप कर घने जंगल में निकल गयी। बाघ को रेंज कार्यालय कतर्नियाघाट लाया गया। यहां स्वास्थ्य परीक्षण हुआ। बाघ को पकड़ने के लिए हथिनी डायना, गंगाकली के अलावा चार टीम लगी हुई थी। मुख्य वन संरक्षक स्वयं बाघ और बाघिन के विचरण पर नजर रख रहे थे। पकड़े गए बाघ को वन विभाग लखनऊ चिड़ियाघर में भेजेगा।

वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग की सीमा से सटे मझरा बीट में लगभग 15 दिन से बाघ कई लोगों को निवाला बना रहा था। बीते सोमवार को भी एक महिला को बाघ मारकर खा गया। इसमें दो बहराइच और तीन लोग लखीमपुर के हैं। बाघ और बाघिन द्वारा लगातार लोगों को निवाला बनाने के कारण वन विभाग भी परेशान और बेबस नजर आ रहा था। मुख्य वन संरक्षक कमलेश कुमार ने फील्ड डायरेक्टर को बाघ को पकड़ने के निर्देश दिए।फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक ने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग से हथिनी जयमाला, चंपाकली, डायना और गंगाजली को बाघ को पकड़ने के लिए लगाया गया। साथ ही दो स्थान पर पिंजरा लगाकर उसमें बकरी को बांध दिया गया था। अन्तत: मंगलवार को बाघ पिंजरे में कैद हो गया। सूचना मिलने पर दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक, कतर्नियाघाट डीएफओ आकाशदीप वधावन, वन क्षेत्राधिकारी रामकुमार, रेंजर निघासन विमलेश कुमार समेत अन्य लोग पहुंचे।

बाघ को कतर्नियाघाट रेंज कार्यालय लाया गया। फील्ड डायरेक्टर ने बताया कि डब्लूडब्लूएफ, डब्लूटीआई और पशु चिकित्सक की टीम ने बाघ का स्वास्थ्य परीक्षण किया। इसके बाद बाघ को भोजन दिया गया। फील्ड डायरेक्टर के अनुसार बाघ को लखनऊ चिड़ियाघर छोड़ा जाएगा। फील्ड डायरेक्टर ने बताया कि रात में बाघिन भी पिंजरे के निकट आई थी। लेकिन वह कैद नहीं हुई। उसके चित्र थर्मो सेंसर कैमरे में कैद हुए हैं। फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक ने बताया कि बाघ पूरी तरह से स्वस्थ है, लेकिन उम्र अधिक हो गई है। इसको देखते हुए उसे लखनऊ चिड़िया घर में रखने का फैसला अधिकारियों ने लिया है। फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक ने बताया कि दोनों जिलों की सीमा पर बीते दो वर्ष में काफी हमले हुए हैं। दो वर्ष में जनपद के 20 लोग जान गंवा चुके हैं। लेकिन यह कहना मुश्किल है कि यह हमले एक ही बाघ के हैं या नहीं।

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