लखनऊ विश्वविद्यालय के 100 वर्ष पूरे होने के शताब्दी समारोह में PM की स्‍पीच
लखनऊ विश्वविद्यालय के 100 वर्ष पूरे होने के शताब्दी समारोह में PM की स्‍पीच Twitter
उत्तर प्रदेश

लखनऊ विश्वविद्यालय के 100 वर्ष पूरे होने के शताब्दी समारोह में PM की स्‍पीच

Author : Priyanka Sahu

नई दिल्‍ली। महामारी कोरोना के संक्रमण के दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 25 नवंबर को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उत्‍तर प्रदेश के लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी स्थापना दिवस समारोह में हिस्‍सा लिया और अपने संंबोधन में कई बातें कहीं...

लखनऊ विश्वविद्यालय के 100 वर्ष पूरे :

लखनऊ विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 1920 में हुई थी और इस वर्ष लखनऊ विश्वविद्यालय अपने 100 वर्ष पूरे कर रहा है। इस अवसर पर आयोजित शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए। तो वहीं, PM मोदी ने अपने संंबोधन में कहा- लखनऊ विश्वविद्यालय परिवार को 100 वर्ष पूरा होने पर हार्दिक शुभकामनाएं। 100 वर्ष का समय सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है। इसके साथ अपार उपलब्धियों का एक जीता जागता इतिहास जुड़ा है।

लखनऊ विश्वविद्यालय ने हर क्षेत्र की प्रतिभाओं को संवारा :

PM मोदी ने कहा- 100 साल की इस यात्रा में यहां से निकले व्यक्तित्व राष्ट्रपति पद पर पहुंचे। राज्यपाल बने। विज्ञान का क्षेत्र हो या न्याय का, राजनीतिक हो या प्रशासनिक, शैक्षणिक हो या सांस्कृतिक या फिर खेल का क्षेत्र, हर क्षेत्र की प्रतिभाओं को लखनऊ विश्वविद्यालय ने संवारा है।

कोरोना पर बोले PM मोदी :

इस दौरान PM मोदी ने कोरोना का जिक्र करते हुए कहा कि, ''आज हम देख रहे हैं कि देश के नागरिक कितने संयम के साथ कोरोना की इस मुश्किल चुनौती का सामना कर रहे हैं। देश को प्रेरित और प्रोत्साहित करने वाले नागरिकों का निर्माण शिक्षा के ऐसे संस्थानो में ही होता है। लखनऊ यूनिवर्सिटी दशकों से अपने इस काम को बखूबी निभा रही है।''

विश्वविद्यालय एक बहुत बड़ी ऊर्जा भूमि :

PM मोदी ने कहा- विश्वविद्यालय सिर्फ उच्च शिक्षा का ही केंद्र नहीं होती, ये ऊंचे संकल्पों, ऊंचे लक्ष्यों को साधने की एक बहुत बड़ी ऊर्जा भूमि होती है। ये हमारी भीतर की ताकत को जगाने की प्रेरणा स्थली भी है।

PM मोदी के संबोधन की प्रमुख बातें :

  • हम कई बार अपनी सामर्थ्य का पूरा उपयोग नहीं करते हैं। यही समस्या पहले सरकारी तौर तरीकों में भी थी।

  • रायबरेली की रेल कोच फैक्ट्री में वर्षों पहले निवेश हुआ, संसाधन लगे, मशीनें लगीं, बड़ी-बड़ी घोषणाएं हुई, लेकिन कई वर्षों तक वहां सिर्फ डेंटिंग-पेंटिंग का ही काम होता था।

  • 2014 के बाद हमने सोच बदली, तौर तरीका बदला। परिणाम ये हुआ कि कुछ महीने में ही यहां से पहला कोच तैयार हुआ और आज यहां हर साल सैकड़ों कोच तैयार हो रहे हैं। सामर्थ्य के सही इस्तेमाल का ये एक उदाहरण है।

  • एक जमाने मे देश मे यूरिया उत्पादन के बहुत से कारखाने थे, लेकिन बावजूद इसके काफी यूरिया भारत बाहर से इंपोर्ट करता था। इसकी बड़ी वजह है थी कि जो देश के खाद कारखाने थे वो अपनी पूरी क्षमता से कार्य ही नहीं करते थे।

  • हमने सरकार में आने के बाद एक के बाद एक नीतिगत निर्णय लिए। इसी का नतीजा है कि आज देश में यूरिया कारखाने पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं।

  • खादी में हम गर्व करते हैं। मैंने गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए खादी का खूब प्रचार-प्रसार किया। कुछ लोग निराशावादी बातें करते थे। लेकिन मैं सकारात्मक बातों के साथ आगे बढ़ा।

  • आज खादी स्टोर से एक दिन में 1-1 करोड़ रुपये की बिक्री होती है, तो मुझे पहले के दिन याद आते हैं। साल 2014 के पहले 20 वर्षों में जितने रुपयों की खादी की बिक्री हुई थी। उससे ज्यादा की बिक्री पिछले 6 वर्षों में हुई है।

  • छात्र जीवन वो अनमोल समय है, जो गुजर जाने के बाद फिर लौटना मुश्किल होता है। इसलिए छात्र जीवन को Enjoy भी कीजिए, encourage भी कीजिए।

  • Self Confidence हमारे विद्यार्थियों में एक बहुत बड़ी आवश्यकता होती है। ये तभी आता है जब अपने ये निर्णय लेने की उसे थोड़ी आजादी मिले। बंधनों में जकड़ा शरीर और खांचे में ढला हुआ दिमाग कभी प्रोडक्टिव नहीं हो सकता।

PM ने कहा- मोदी देश जब आजादी के 75 वर्ष पूरे करेगा, तब तक नई शिक्षा नीति व्यापक रूप से हमारे एजुकेशन सिस्टम का हिस्सा बने। आइए, वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिताः, इस उद्घोष को साकार करने के लिए जुट जाएं। आइए, हम भारती के वैभव के लिए अपने हर प्रण को अपने कर्मों से पूरा करें।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT