रामलला के चरणों में 45 दिनों तक राग सेवा
रामलला के चरणों में 45 दिनों तक राग सेवा Raj Express
उत्तर प्रदेश

Shri Ram Raag Seva : रामलला के चरणों में 45 दिनों तक राग सेवा, 26 जनवरी को मालिनी अवस्थी देंगी प्रस्तुति

Author : Deeksha Nandini

हाइलाइट्स

  • राग सेवा में 100 से अधिकारों की होगी प्रस्तुति।

  • वैजयंतीमाला और हेमा मालिनी समेत कई कलाकार देंगे प्रस्तुति।

  • भगवान के समक्ष गुडी मंडप में किया जाएगा राग सेवा का आयोजन।

Shri Ram Raga Seva : अयोध्या, उत्तर प्रदेश। भगवान श्री राम के श्री चरणों में आज से 45 दिन तक राग सेवा का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान 100 से अधिक कलाकार 45 दिनों तक भगवान श्री रामलला सरकार के श्रीचरणों में अपनी राग सेवा अर्पित करेंगे। इसी कड़ी में शुक्रवार को प्रसिद्ध कलाकार मालिनी अवस्थी अपनी राग सेवा की प्रस्तुति देंगी। इसे लेकर तैयारियां की जा चुकी है। इस कार्यक्रम का आयोजन न्यास की ओर से किया जा रहा है वहीं इस कार्यक्रम के कल्पनाकर और संयोजक यतींद्र मिश्र हैं।

जानकारी के अनुसार, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में राग सेवा का आयोजन शास्त्रीय परंपरा के अनुरूप भगवान के समक्ष गुडी मंडप में किया जाएगा, जिसमें देश भर के विभिन्न प्रांतों और कला परंपराओ के 100 से अधिक सुप्रसिद्ध कलाकार शामिल होंगे। इस आयोजन के अंतर्गत नृत्य, गायन और वादन की विधाओं में लगभग हर प्रकार की सांगीतिक प्रस्तुतियां प्रस्तावित हैं। दोपहर तीन से शाम पांच बजे तक प्रस्तुति देने वालों में देश के कलाकार शामिल होंगे।

45 दिनों तक आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में निम्न कलाकार देंगे प्रस्तुति :

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में राग सेवा में स्वप्नसुंदरी (विलासिनी नाट्यम), दर्शना झावेरी (मणिपुरी नृत्य), वैजयंतीमाला और नंदिनी रमणी (भरतनाट्यम), हेमा मालिनी (भरतनाट्यम-नृत्य नाटिका), पद्मा सुब्रमण्यम (भरतनाट्यम), सुजाता महापात्र (ओडिसी), संख्या पुरेचा (भरतनाट्यम) तथा प्रेरणा श्रीमाली (कथक) सहित कर्नाटक संगीत पद्धति की प्रतिनिधि जयंती कुमारेश, सिक्किल गुरुचरण, अरुणा साईराम, सुकन्या द्वारा मनमोहक प्रस्तुति दी जाएगी।

शास्त्रीय और उपशास्त्रीय गायन की शैली

मंदिरों से संबधित शास्त्रीय और उपशास्त्रीय गायन की शैलियों में उदय भवालकर का ध्रुपद गायन, पूर्णदास बाउल का बाउल संगीत, उषा बारले की पांडवानी, रंजना झा का भक्ति-संगीत, योगेश गढ़वी का चारनी गायन, जसबीर जस्सी का भजन व गुरुबानी गायन, पंकज महाराज का वारकरी कीर्तन, पंडित जयतीर्थ मेहुंडी का अभंग गायन, पं. चंद्रप्रकाश का हवेली संगीत, बासंती बिष्ट का जागर, पंडित रतनमोहन शर्मा का मंत्र गायन, हेमंत राजाभाई का निर्गुण व भजन गायन, गौरी माढवरकर का मंत्र व भजन गायन, दयाराम मांड का राजस्थानी मांड, उमा माहेश्वरी का हरिकथा कालक्षेपम तथा विजय कुमार जैना का ओडिसी संगीत होगा।

राग सेवा में शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति :

इस आयोजन में शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति देने के लिए अश्विनी भिड़े देशपांडे, देवकी पंडित, राहुल देशपांडे, मीता पंडित, सुनंदा शर्मा, पंडित साजन मिश्र एवं स्वरांश मिश्र होंगे। प्रख्यात वादकों में पुष्पराज कोष्ठी का सुरबहार पादन, पूर्वायन चटर्जी का सितार, चेतन जोशी की बांसुरी, जयंती कुमारेश की वीणा, राजेंद्र प्रसन्ना की शहनाई, अभय सोपोरी की संतूर, अनुपमा भागवत का सितार तथा अयोध्या के पं. अजय एवं विजय रामदास का पखावज वादन होगा। रामलिंगम शास्त्री एवं दीपिका रेड्डी का कुचिपुड़ी नृत्य, शिवानन्ं हेगड़े का यक्षगान तथा केरल के त्रिवेंद्रम स्थित कुडियाट्टम सेंटर से कुडियाट्टम की प्रस्तुतियों होंगी।

भजन गायन

वहीं भजन गायन के लिए अनुराधा पौडवाल, अनूप जलोटा, शेखर सेन, सुरेश वाडकर अपनी प्रस्तुतियां देंगे। कृष्ण आराधना को समर्पित अंतरराष्ट्रीय संस्था इस्कान की ओर से एक दिन कीर्तन को समर्पित होगा।

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