Bengal Teacher Recruitment Scam: ED ने की 230 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी जब्त
Bengal Teacher Recruitment Scam: ED ने की 230 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी जब्त Raj Express
पश्चिम बंगाल

Bengal Teacher Recruitment Scam: ED ने की 230 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी जब्त

Author : Shreya N

हाइलाइट्स:

  • ED ने 350 करोड़ रुपये से ज्यादा का बताया था घोटाला।

  • बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की हो चुकी है गिरफ्तारी।

  • 2014 का है पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला।

Bengal Teacher Recruitment Scam: पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा 230.6 करोड़ रुपये की कई प्रॉपर्टी अटैच की गई। जब्त की गई प्रॉपर्टी में 230.6 करोड़ रुपये की जमीन और फ्लैट शामिल है। यह रिकवरी घोटाले के आरोपी प्रसन्ना रॉय और शांति प्रसाद के नाम की प्रॉपर्टी से हुई है। Bengal Teacher Recruitment Scam में ED ने अब तक 365 करोड़ रुपये की रिकवरी की है। 135 करोड़ रुपये की रिकवरी पहले ही कर ली गई थी। 2023 में ED ने इस घोटाले को 350 करोड़ रुपये से ज्यादा का बताया था। शिक्षक भर्ती घोटाले में बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार के तीन नेताओं की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। इसमें राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी भी शामिल थे।

गिरफ्तार हो चुके आरोपियों की है प्रॉपर्टी

ED द्वारा जब्त की गई प्रॉपर्टी केस में गिरफ्तार आरोपी प्रसन्ना रॉय और शांति प्रसाद की है। इस घोटाले में बिचौलिए की भूमिका अदा करने वाले प्रसन्ना रॉय के नाम पर की 96 कट्ठा पथरघाटा, 117 कट्ठा सुल्तानपुर, 282 कट्ठा महेशतला और 136 कट्ठा न्यू टाउन की प्रॉपर्टी को जब्त किया गया है। जबकि वेस्ट बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (West Bengal School Service Commission) में तत्कालीन एडवाइजर शांति प्रसाद सिन्हा के नाम कपशती इलाके की जमीन और जादाबपुर इलाके में स्थित फ्लैट को जब्त किया गया है।

2014 का है घोटाला

बंगाल का Bengal Teacher Recruitment Scam 2014 में हुआ घोटाला है। स्कूल सर्विस कमीशन (SSC) के जरिए इस समय प्रदेश के सरकारी स्कूलों में भर्ती निकाली गई थी। इस समय पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री थे। मामले में गड़बड़ियों की कई शिकायते आई। याचिकार्ताओं का कहना था, कि कम नंबर लाने वालों को मेरिट में जगह मिल गई और नौकरी दे दी गई। आरोप यह भी लगाए गए कि जिन लोगों ने TET की परीक्षा भी पास नहीं की, उन्हें भी नौकरी मिल गई। इस मामले में मई 2022 में कोलकाता हाईकोर्ट ने CBI जांच के आदेश दिये थे। पार्थ चटर्जी के शिक्षा मंत्री रहते यह घोटाला हुआ, इसलिए 2022 में उन्हें ED ने गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें पद और पार्टी से बर्खास्त कर दिया था।

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