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पश्चिम बंगाल

बंगाल की Raiganj लोकसभा सीट के हर मतदान केंद्र में है 2 EVM, जानें क्या है वजह

Author : Akash Dewani

हाइलाइट्स :

  • पश्चिम बंगाल की Raiganj लोकसभा सीट के हर मतदान केंद्र में है 2 EVM इकाइयों से हो रहा मतदान

  • बड़ी संख्या में उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने के मद्देनजर चुनाव आयोग ने दिया आदेश

  • पश्चिम बंगाल की सबसे अहम् सीट है रायगंज

रायगंज, पश्चिम बंगाल। बड़ी संख्या में उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने के मद्देनजर चुनाव आयोग के आदेश अनुसार, पश्चिम बंगाल की रायगंज (Raiganj) सीट के प्रत्येक मतदान केंद्र पर 2 EVM इकाइयों से मतदान हो रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार रायगंज निर्वाचन क्षेत्र में कुल 20 उम्मीदवार हैं, जिनमें से 19 पुरुष हैं। मैदान में बड़ी संख्या में उम्मीदवारों के कारण, सभी नामों को एक मतपत्र इकाई (EVM) में शामिल करना संभव नहीं था जिसकी वजह से वोटर्स के लिए दो बैलेट यूनिट की व्यवस्था की गई है।

चुनाव आयोग के मुताबिक एक EVM मशीन में कुल 16 प्रत्याशियों के नाम ही आ सकते हैं। इनमें 15 प्रत्याशी और एक नोटा को शामिल किया जाता है। पश्चिम बंगाल में आज 26 अप्रैल को दूसरे चरण में तीन सीटों दार्जिलिंग, रायगंज और बालुरघाट के लिए वोटिंग हो रही है। पिछली लोकसभा चुनाव में ये तीनों सीट भाजपा ने जीती थी। रायगंज में भाजपा ने टीएमसी की कृष्णा कल्याणी को टक्कर देने के लिए कार्तिक पॉल को उम्मीदवार बनाया है। हालाँकि, अभी यहां से भाजपा की देबाश्री चौधरी सांसद हैं।

पश्चिम बंगाल की सबसे अहम् सीट है रायगंज :

रायगंज लोकसभा सीट बांग्लादेश और बिहार के साथ एक लंबी सीमा साझा करता है। 1991 तक कांग्रेस का गढ़ रही यह सीट एक दशक तक सुब्रत मुखर्जी के नेतृत्व में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पास रही थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता दिवंगत प्रियरंजन दासमुंशी, 1999 से 2009 तक सांसद थे। 2019 में, भाजपा ने जीत का दावा किया, और देबाश्री चौधरी रायगंज सांसद बनीं। यहां कुल मतदाताओं का लगभग 49% हिस्सा मुस्लिम निर्वाचन क्षेत्र में सबसे बड़ा मतदान समूह है।

2019 लोकसभा चुनाव और 2021 विधानसभा चुनाव में, एनआरसी (NRC) से संबंधित ध्रुवीकरण के बाद क्षेत्र के एक महत्वपूर्ण हिस्से ने टीएमसी को वोट दिया। इसके आलावा यह क्षेत्र सुगंधित चावल के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। कभी इस क्षेत्र का एकमात्र उद्योग रही सूती मिल के बंद होने से आर्थिक चुनौतियां बढ़ गई हैं। साल 2019 का लोकसभा चुनाव बीजेपी, टीएमसी, सीपीआई (एम) और कांग्रेस के बीच चतुष्कोणीय मुकाबला था। इस बार राज्य में सीपीआई (एम) और कांग्रेस गठबंधन में हैं।

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