क्या है कॉलेजियम प्रणाली
क्या है कॉलेजियम प्रणाली Syed Dabeer Hussain - RE
भारत

जानिए कॉलेजियम प्रणाली क्या है? जिस पर देशभर में मचा हुआ है बवाल

Priyank Vyas

राज एक्सप्रेस। बीते कुछ समय से न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर बनाए गए कॉलेजियम प्रणाली पर केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच मतभेद देखने को मिल रहा है। इस मामले में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आरएस सोढ़ी का एक बयान शेयर किया, जिसमें रिटायर जस्टिस कॉलेजियम सिस्टम की आलोचना करते दिखाई दिए थे। हालांकि इसके बाद किरेन यह भी कहते दिखाई दिए कि उनके कंधे पर रखकर बंदूक ना चलाई जाए।लेकिन इस बीच यह सवाल उठता है कि यह कॉलेजियम सिस्टम क्या है? यह कैसे विकसित हुई है? तो चलिए जानते हैं विस्तार से।

क्या है कॉलेजियम सिस्टम?

सुप्रीम कोर्ट यानि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से बनाई गई यह एक प्रणाली है, जिसके अंतर्गत न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण किया जाता है। यह कॉलेजियम सिस्टम भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 और 217 सर्वोच्च और उच्च न्यायालय में क्रमशः न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित है। हालांकि यह प्रणाली संसद के किसी अधिनियम या फिर संविधान के प्रावधान द्वारा स्थापित नहीं है।

कैसे विकसित हुई यह प्रणाली?

प्रथम न्यायाधीश मामला : इस मामले के तहत न्यायिक नियुक्तियों और स्थानांतरण पर मुख्य न्यायाधीश के सुझाव की प्रधानता को उचित कारणों के साथ अस्वीकार किया जा सकता था। ऐसा किए जाने पर आगामी 12 सालों के लिए न्यायपालिका के ऊपर कार्यपालिका की प्रधानता स्थापित हुई।

द्वितीय न्यायाधीश मामला : इस प्रणाली के शुरू होने के साथ सर्वोच्च न्यायालय का कहना था कि इसके अंतर्गत परामर्श का अर्थ सहमति होगा। यही नहीं इसमें सर्वोच्च न्यायालय के 2 वरिष्ठ न्यायाधीशों का परामर्श लिया जाएगा।

तृतीय न्यायाधीश मामला : इसके कुछ समय बाद राष्ट्रपति के द्वारा प्रेसिडेंशियल रेफरेंस पेश किया गया। जिसमें सुप्रीम कोर्ट के द्वारा कॉलेजियम प्रणाली को 5 सदस्यों के रूप में माना गया। इनमें सीबीआई और चार वरिष्ठ जजों शामिल होंगे।

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