कोरोना मौतों पर घमासान
कोरोना मौतों पर घमासान Priyanka Yadav-RE
भारत

कोरोना मौतों पर घमासान- आखिर कौन सही WHO का दावा या फिर सरकारी आंकड़े !

Priyanka Sahu

दिल्‍ली, भारत। देशभर में महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण की लहर डरा रही है, कभी संक्रमण की स्‍पीड को तेज तो कभी कम हो रही है, इस बीच कोरोना के मौत के आंकड़ों को लेकर घमासान मचा हुआ है, एक तरफ वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) कुछ ओर दावा कर रहा है, तो वहीं सरकारी आंकड़े कुछ ओर बया कर रहे है।

सरकारी आंकड़ों से 10 गुना ज्‍यादा बताया अनुमान :

दरअसल, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की ओर से गुरुवार को कोरोना से होने वाली मौतों पर रिपोर्ट जारी की गई है, जिसमें भारत में इस वायरस से 47 लाख मौतें होने का अनुमान जताया गया है और WHO का यह अनुमान सरकारी आंकड़ों से करीब 10 गुना ज्यादा हैं। WHO का दावा है कि, दुनिया में कोरोना से डेढ़ करोड़ मौतें हुई, लेकिन ऑफिशियल डेटा को देखा जाएं तो इसमें यह संख्या सिर्फ 54 लाख है और ये आंकड़े जनवरी 2020 से दिसंबर 2021 तक के हैं।

दुनियाभर में कोरोना से साल 2020-2021 में सभी देशों की तरफ से दिए गए आंकडों से 1 करोड़ 49 लाख ज्यादा मौतें हुईं हैं। 84% मौतें केवल दक्षिण पूर्व एशिया, यूरोप और अमेरिका में हुई हैं।
WHO

डेटा पर आपत्ति :

तो वहीं, WHO द्वारा जारी हुए इन आंकड़ों पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के शीर्ष आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि, ''इस डेटा पर हमें आपत्ति है। WHO के मॉडल, डेटा कलेक्शन, डेटा सोर्स, प्रक्रिया ( मेथोडोलॉजी) पर सवाल है। हम चुप नहीं रहेंगे, सभी ऑफिशियल चैनल का हम इस्तेमाल करेंगे और इस डेटा की आपत्ति को हम Executive बोर्ड में रखेंगे। 17 राज्यों के आधार पर डेटा जारी तो 17 राज्यों को किस आधार पर चुना गया? हमें लगातार पूछने पर 4 महीने बाद इन राज्यों के नाम बताए गए। कब तक या किस वक्त तक का डेटा WHO ने लिया, जानकारी नहीं दी।''

WHO के पास भी कोविड से हुई मृत्यु को परिभाषित करने का कोई पैमाना नहीं था। हमने डेटा से निष्कर्ष निकाला कि कोविड होने के बाद 95% मृत्यु शुरू के 4 हफ्तों में हो रहीं थीं। शुरू के 30 दिनों में हुई मुत्यु को हमने कोविड से हुई मृत्यु को परिभाषित किया है।
ICMR के DG बलराम भार्गव

सरकार ने कहा है कि, ''WHO का ये डेटा पूरी तरह से वास्तविकता से परे है। उनका डेटा संकलन न तो किसी सांख्यिकी मॉडल और न ही किसी वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित है।''

इस मामलों को लेकर अब सवाल यह उठता है कि, आखिर कोरोना से हुई मौत के आंकड़े का अनुमान को लेकर कौन सही है, क्‍या WHO ने गलत या फिर सही दावा किया है, या फिर सरकारी आंकड़े गलत या सहीं है।

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