सीआईएसएफ स्थापना दिवस
सीआईएसएफ स्थापना दिवस Syed Dabeer Hussain - RE
भारत

सीआईएसएफ स्थापना दिवस : जब भारतीय आर्मी और सीआईएसएफ के बीच छिड़ गई थी लड़ाई, जानिए पूरा किस्सा

Vishwabandhu Pandey

राज एक्सप्रेस। हर साल 10 मार्च को हमारे देश में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) स्थापना दिवस मनाया जाता है। साल 1969 में आज के ही दिन भारतीय संसद द्वारा एक अधिनियम पारित करके केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की स्थापना की गई थी। इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह सहित अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अन्य नेताओं ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बलों को शुभकामनाएं दी हैं। तो चलिए इस मौके पर जानते हैं कि सीआईएसएफ क्या है? और यह किस तरह से काम करती है?

सीआईएसएफ क्या है?

आपको बता दें कि सीआईएसएफ देश के छह अर्धसैनिक बलों में से एक है। इसका मुख्य काम देश के बड़े उद्योगों को सुरक्षा प्रदान करना है। यह संपत्ति और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के साथ-साथ परिसर के कर्मचारियों को सुरक्षा प्रदान करती है। यह अंतरिक्ष विभाग, परमाणु ऊर्जा विभाग, हवाई अड्डे, दिल्ली मेट्रो, बंदरगाहों, ऐतिहासिक स्मारकों सहित करीब 300 से अधिक महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करती है।

बगावत का मशहूर किस्सा :

वैसे तो सीआईएसएफ देश की एक प्रमुख सुरक्षा एजेंसी में से एक है, लेकिन एक बार ऐसा भी हुआ था जब सीआईएसएफ के जवानों और भारतीय सेना के बीच गोलीबारी तक की नौबत आ गई थी। दरअसल हुआ यह कि केंद्रीय पुलिस का दर्जा मिलने के बावजूद सीआईएसएफ के जवान कई सुख-सुविधाओं से वंचित थे। ऐसे में साल 1979 में सीआईएसएफ ईकाइयों ने मिलकर एक संघ बनाया और अपनी मांगो को गृह मंत्री के सामने रखा। हालांकि महीनों तक उनकी मांगो को नहीं माना गया। ऐसे में बोकारो में सीआईएसएफ के जवान बगावत पर उतर आए और उन्होंने अफसरों के घरों को घेर लिया।

आर्मी और सीआईएसएफ में हुई फायरिंग :

आखिरकार सीआईएसएफ की बगावत से परेशान होकर सरकार ने बोकारो में सेना भेज दी। 27 जून 1979 को वहां भारतीय आर्मी और सीआईएसएफ के बीच तीन घंटे तक गोलीबारी हुई। इस घटना में आर्मी के तीन जबकि सीआईएसएफ के 22 से अधिक जवान मारे गए। हालांकि आगे चलकर 15 जून 1983 में सीआईएसएफ को संसद में एक अधिनियम के माध्यम से सशस्त्र बल बनाया गया।

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