आखिर क्यों बैन हुआ 'ई-सिगरेट' का उपयोग?
आखिर क्यों बैन हुआ 'ई-सिगरेट' का उपयोग? Social Media
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आखिर क्यों बैन हुआ 'ई-सिगरेट' का उपयोग?

Author : Deepika Pal

राज एक्सप्रेस। प्रधानमंत्री मोदी सरकार और केबिनेट मंडल की अध्यक्षता में कुछ अहम् मामलों पर फैसला लिया गया, जिसमें ई-सिगरेट की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का फैसला है, साथ ही इसका उपयोग करते पाए जाने पर निर्धारित जुर्माने भी तय किया जाना है।

बता दें कि हाल ही में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स के माध्यम से Prohibition of E Cigerettes Ordinance 2019 को जाँचा, जिसमें स्वास्थ को प्रभावित करने वाले आंकड़े सामने आए ।

क्या होती है ई-सिगरेट:

ई-सिगरेट सामान्य तौर पर एक इलेक्ट्रानिक निकोटिन डिलेवरी सिस्टम होता है, जिसमें निकोटिन के अलावा, अन्य रसायनिक द्रव भरे होते हैं। जिसे इलेक्ट्रानिक सिस्टम या इनहेलर में लगी बैटरी की ऊर्जा से भाप में बदल दिया है, जिससे पीने वाले व्यक्ति को सिगरेट पीने का अहसास होता है।

क्यों लगाया जा रहा है प्रतिबंध:

वास्तव में ई-सिगरेट का उपयोग पांरपरिक तंबाकू, धूम्रपान जैसे पदार्थों के उपयोग या सेवन को कम करने से था, क्योंकि पांरपरिक पदार्थों के सेवन से दुनिया में धूम्रपान करने से प्रतिदिन लगभग 7 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। भारत में प्रतिदिन 2200 यानि लगभग प्रति मिनट 3 लोगों के मृत्यु हो जाती है। तंबाकू का सेवन करने से लगभग 8-9 लाख लोगों की मृत्यु होने के आंकड़े भी बढ़ रहे हैं।

शोध अध्ययन से पता चला है, कि ई- सिगरेट का उपयोग करने से लोगों में डिप्रेशन, हार्ट-अटैक और ब्लड क्लॉट जैसी समस्याओं के खतरे 56% तक बढ़ रहे हैं।

क्या है सरकार का फैसला:

ताजा सूत्रों के मुताबिक, ई-सिगरेट के उपयोग, बिक्री तथा आयात पर केंद्र सरकार और कर्नाटक सरकार ने स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तैयार किए मसौदे के आधार पर प्रतिबंध लगाने पर विचार किया था। जिसके अधीन यह फैसला आया कि प्रतिबंध के अलावा नियमों को तोड़ने पर 1 साल जेल की सजा और 1 लाख रूपये जुर्माना होगा, वहीं अधिक बार नियम तोड़ने पर 3 साल जेल की सजा तथा 5 लाख रूपये जुर्माना लगेगा ।

निषेध और नियमों का नियमन मोदी सरकार के एजेंडे में था शामिल:

बता दें कि, प्रधानमंत्री मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के विशेष 100 एजेंडे में ई- सिगरेट, हीट-नॉट-बर्न स्मोकिंग डिवाइसेस और धूम्रपान उपकरणों पर प्रतिबंध लगाना तय था ।

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