इस दिवाली जलाएं ग्रीन पटाखे
इस दिवाली जलाएं ग्रीन पटाखे Syed Dabeer Hussain
लाइफस्टाइल

इस दिवाली जलाएं ग्रीन पटाखे, जानिए क्‍यों दी जा रही है इन्‍हें खरीदने की सलाह

Deepti Gupta

हाइलाइट्स :

  • भारत में ग्रीन पटाखों का ट्रेंड।

  • एनवायरमेंट फ्रेंडली है ग्रीन पटाखे।

  • सस्‍ते हैं और शोर कम करते हैं।

  • बोरियम रहित होते हैं ग्रीन पटाखे।

राज एक्सप्रेस। दिवाली खुशियों का त्‍योहार है। लेकिन ये अपने साथ कई सारी प्रदूषण भी लेकर आता है। इस बार फिर से देश में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है, इसे देखते हुए सवाल है कि पटाखे जलाएं या नहीं। वैसे तो दिवाली पर पटाखे जलाने की परंपरा है, तो इसे अवॉइड नहीं किया जा सकता। लेकिन अगर आप पटाखे फोड़ना ही चाहते हैं, तो ग्रीन पटाखे उचित विकल्‍प है। बता दें कि इन दिनों पूरे भारत का फोकस ग्रीन पटाखों पर है। आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर ये ग्रीन पटाखे हैं क्‍या। तो बता दें कि ग्रीन पटाखों को ग्रीन क्रैकर्स के नाम से भी जाना जाता है। ये सीएसआईआर-एनईईआरआई Council of Scientific and Industrial Research - National Environmental Engineering Research Institute के वैज्ञानिकों द्वारा बनाए गए हैं और ये पारंपरिक आतिशबाजी की तुलना में सस्ते, कम शोर वाले और एनवायरमेंट फ्रेंडली हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में वायु प्रदूषण के लगातार बिगड़ते स्तर के कारण आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके बाद सीएसआईआर-एनईईआरआई के वैज्ञानिकों ने इन्‍हें बनाने पर विचार किया था।

नॉर्मल पटाखों से क्‍यों है अलग

सामान्य पटाखों के विपरीत, हरे पटाखों में बेरियम यौगिक नहीं होता। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बेरियम एक मेटल ऑक्साइड है, जो हवा को प्रदूषित करने के साथ ही तेज शोर का कारण बनता है।

कम प्रदूषण और कम शोर करते हैं

ग्रीन पटाखे पर्यावरण के अनुकूल माने जाते हैं। इन्‍हें जलाने पर सामान्‍य पटाखों की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत कम प्रदूषण फैलता है और साधारण पटाखों की तुलना में लगभग 15 से 20 प्रतिशत सस्ते भी होते हैं। सामान्‍य पटाखे जब चलाए जाते हैं, तो 160 डेसिबल शोर करते हैं, जबकि ग्रीन पटाखे 110 से 125 डेसिबल के आसपास होते हैं।

कितने तरह के ग्रीन पटाखे

ग्रीन पटाखे तीन प्रकार के होते हैं:

SWAS or safe water releaser

ये वॉटर वेपर छोड़ते हैं और इस तरह से कणों को बढ़ने से रोकते हैं।

STAR or safe thermite cracker

इन पटाखों को बनाने में कम थर्माइट का उपयोग किया जाता है।

SAFAL or a safe minimal aluminium cracker

इनमें एल्यूमीनियम की जगह मैग्नीशियम का यूज होता है।

कैसे कर सकते हैं ग्रीन पटाखों की पहचान

आप पैकेजिंग पर क्यूआर कोड के साथ ग्रीन लोगों के जरिए इसकी पहचान कर सकते हैं कि पटाखे असली हैं या नहीं। कोड बताता है कि NEERI ने इसे सर्टिफाइड कर दिया है।

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